सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 दंगा मामले में 31 तक टला फैसला, जानिए कारण….

कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों में हत्या के एक मामले में अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला स्थगित कर दिया। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा कुछ बिंदुओं पर आगे की दलीलें पेश करने के लिए समय मांगे जाने के बाद फैसले को 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया।

अदालत ने कहा कि 31 जनवरी अगली तारीख है। यह मामला सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की कथित हत्याओं से जुड़ा है। वर्तमान में तिहाड़ सेंट्रल जेल में बंद सज्जन कुमार वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए।

अदालत ने 1 नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्याओं पर अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने शुरू में मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली थी।

16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे। अदालत ने सज्जन कुमार के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्यों को सुनवाई के लिए उचित पाते हुए मुकदमे को हरी झंडी दी थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी एवं सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया था।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया, उसके पति और बेटे की हत्या कर दी। सामान लूट लिया और उनके घर को आग के हवाले कर दिया। सज्जन कुमार पर मुकदमा चलाते हुए अदालत के आदेश में प्रथम दृष्टया यह राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई गई कि आरोपी न केवल एक भागीदार था, वरन उसने भीड़ का नेतृत्व भी किया था।

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