सरिया और सीमेंट को भी जारी किया जा रहा हलाल सर्टिफिकेट, SC में SG तुषार मेहता ने दी दलील

सुप्रीम कोर्ट में हलाल सर्टीफिकेट का मुद्दा एक बार फिर उठा है। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि लोहे का सरिया और सीमेंट जैसी वस्तुओं पर भी हलाल सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि आखिर दूसरे धर्म के लोगों को हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों की अधिक कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है।

जानिए पूरा मामला

दरअसल, सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश में निर्माण, भंडारण, बिक्री, वितरण, खाद्य उत्पाद के वितरण पर हलाल सर्टिफिकेट जारी होने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही जस्टिस बीआर गवई और अगस्टीन जार्ज मसीह की खंडपीठ के समक्ष कहा कि जहां तक हलाल मीट का सवाल है किसी को भी आपत्ति नहीं है। लेकिन जज साहब यह जानकर आप भी स्तब्ध रह जाएंगे कि सीमेंट और लोहे की सरिया को भी हलाल सर्टीफिकेट जारी किया जा रहा है।

बेसन और आटा को भी जारी हो रहा सर्टिफिकेट

हलाल सर्टिफिकेट के लिए एजेंसियां मोटी रकम वसूल रही हैं और इस प्रक्रिया में रकम कुछ लाख करोड़ तक है। यहां तक कि आटा और बेसन तक को भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। आखिरकार बेसन व आटा हलाल या गैर हलाल कैसे हो सकता है? वहीं याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार की नजर में यह जीवनशैली का मामला है। कोई भी किसी पर दबाव नहीं डाल रहा। यह वैकल्पिक व्यवस्था है।

खंडपीठ को बताया गया कि केंद्र सरकार ने इस मामले में अपना हलफनामा दायर किया है। इस पर सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता को चार हफ्ते में एक रिज्वाइंडर दाखिल करने को कहा। इस मामले को 24 मार्च से लगे हफ्ते में सुना जाएगा।

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