बूंदाबांदी और खुले में सोते लोग खोल रहे सरकारी दावों की पोल
- भीषण ठंड और कोहरे के बीच खुले में सोने को मजबूर
लखनऊ,कड़कड़ाती ठंड हल्की बूंदाबांदी के बीच भी यदि कोई खुले में सो रहा है तो सरकार, प्रशासन के साथ समाज के लिए भी शर्म की बात है। महापौर मण्डलायुक्त सहित अन्य सरकारी महकमा सरकारी व गैर सरकारी रैन-बसेरों का निरीक्षण कर फोटो खिचवा कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। वही ऐसी विषम परिस्थितियों में बहुत से लोग खुले में सोने को मजबूर है।
ऐशबाग पुल, डालीगंज पुल, चारबाग रेलवे स्टेशन आदि कई ऐसे स्थान है जहां लोग खुले में सोते दिखायी देते है परंतु ये प्रशासन को नहीं दिखायी देते है। जबकि मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ठ कथन है कि कोई भी खुले में सोता न दिखाई दे।
ऐसी ठंड में अलाव भी ठंडे पड़े है। कहां जल रहे है इसका भी कोई पता नहीं है। जब राजधानी का यह हाल है तो बाकी अन्य जिलों का क्या हाल है इसकी तो केवल कल्पना ही की जा सकती है। सरकार ने रैन-बसेरों का इंतजाम किसके लिए कर रखा है? जब गरीब मजबूर फुटपाथों पर खुले में सोने को मजबूर है।