साइबरट्रक को उड़ाने के लिए हुआ था ChatGPT का इस्तेमाल, लासवेगस ब्लास्ट में बड़ा खुलासा
न्यू ईयर के दिन लासवेगस में ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर टेस्ला साइबरट्रक में हुए ब्लास्ट मामले में अहम जानकारी सामने आई है। इस धमाके की प्लानिंग के लिए पॉपुलर चैटबॉट चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया गया था।
अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संदिग्ध ने चैटजीपीटी से पूछा कि ब्लास्ट करने के लिए कितने एक्सप्लोजिव की जरूरत होती है और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं। इस मामले की जांच फिलहाल एफबीआई कर रही है।
संदिग्ध की हुई थी मौत
टेस्ला साइबरट्रक में हुए धमाके में संदिग्ध की मौत हो गई थी। उसकी पहचान 37 वर्षीय मैथ्यू लिवेल्सबर्गर के तौर पर हुई थी। वह सेना में काम कर चुका था। एफबीआई ने कहा कि घटना को अंजाम देने में वह अकेले ही शामिल था और यह सुसाइड का केस लगता है।
लासवेगस मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग ने मंगलवार को कहा कि साइबरट्रक ब्लास्ट यूएस की धरती पर पहला मामला था, जब विस्फोटक सामग्री बनाने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया गया हो। एआई की आलोचना करने वाले लोगों ने पहले ही इसे खतरनाक बताया है।
हमारे पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि संदिग्ध ने चैटजीपीटी एआई का इस्तेमाल अटैक के लिए किया था। अमेरिका की धरती पर यह इस तरह का पहला मामला है।
– पुलिस अधिकारी
कंपनी ने रखा अपना पक्ष
- चैटजीपीटी पर लग रहे आरोपों के बाद अब कंपनी का भी बयान सामने आया है। चैटजीपीटी को बनाने वाली ओपनएआई ने कहा कि कंपनी एआई टूल का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका मॉडल खतरनाक निर्देश देने से मना करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- कंपनी ने कहा कि इस मामले में चैटजीपीटी ने जिम्मेदारी के साथ वही जानकारी दी, जो पहले से इंटरनेट पर उपलब्ध है। साथ ही एक वार्निंग भी जारी की कि किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए इसका इस्तेमाल न हो।
न्यू ऑर्लिन्स से संबंध नहीं
एफबीआई ने कहा है कि साइबर में ब्लास्ट की घटना का न्यू ऑर्लिन्स में हुए हमले से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध की अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति कोई दुश्मनी नहीं थी।
एफबीआई ने कहा कि यह संभवत: पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का मामला है। वहीं पुलिस ने यह भी कहा है कि संदिग्ध के फोन से 6 पेज का मेनिफेस्टो भी बरामद हुआ है।