स्टैंडर्ड ग्लास का खुल गया IPO, पैसे लगाने से पहले जानें डिटेल
इंजीनियरिंग इक्विपमेंट बनाने वाली स्टैंडर्ड ग्लास लाइनिंग टेक्नोलॉजी का आईपीओ आज यानी 6 जनवरी को खुल गया। इसे 8 जनवरी तक सब्सक्राइब कर सकेंगे। कंपनी IPO से 410.05 करोड़ रुपये जुटाएगी। स्टैंडर्ड ग्लास लाइनिंग टेक्नोलॉजी IPO के लिए प्राइस बैंड 133-140 रुपये प्रति शेयर है। एक लॉट में 107 शेयर रहेंगे। शेयरों का अलॉटमेंट 9 जनवरी और लिस्टिंग 13 जनवरी को होगी। इस आईपीओ को ग्रे मार्केट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
ग्रे मार्केट में कैसा है रिस्पॉन्स
Standard Glass Lining के शेयर ग्रे मार्केट में 97 रुपये या 69.29 फीसदी के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इस हिसाब से शेयर की लिस्टिंग 237 रुपये के भाव पर हो सकती है। ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी शेयर मार्केट में लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं। हालांकि, यहां भाव तेजी से बदलते हैं। यही वजह है कि एक्सपर्ट जीएमपी के बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स देखकर निवेश की सलाह देते हैं।
आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल
Standard Glass Lining Technology का यह IPO पूरी तरह से नए शेयरों का इश्यू है। कंपनी आईपीओ से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल मशीनरी और इक्विपमेंट की खरीद के लिए करेगी, जिसका मकसद कंपनी के कारोबार का विस्तार करना है। साथ ही कुछ पैसों से कर्ज चुकाएगी और बाकी का यूज इनऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी।
Standard Glass की वित्तीय सेहत
स्टैंडर्ड ग्लास का नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2022 में 25.15 करोड़ रुपये था। यह अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 53.42 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 60.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अगर मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें, तो पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2024 में इसे 36.27 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। इसका रेवेन्यू 312.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
स्टैंडर्ड ग्लास का बिजनेस क्या है?
स्टैंडर्ड ग्लास की शुरुआत 2012 में हुई थी। यह फार्मास्युटिकल और केमिकल सेक्टर के लिए इंजीनियरिंग इक्विपमेंट बनाती हैं। स्टैंडर्ड ग्लास लाइनिंग फार्मास्युटिकल और केमिकल निर्माताओं के लिए डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, इंस्टॉलेशन और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जैसी कई चीजों के लिए सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में रिएक्शन सिस्टम, स्टोरेज, सेपरेशन एंड ड्राइंग सिस्टम और प्लांट, इंजीनियरिंग व सर्विसेज शामिल हैं।