ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की तरफ से फतवा हुआ जारी, मुसलमानों को बधाई देने तक से मना किया
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की तरफ से फतवा जारी किया गया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के युवक और युवतियों से न्यू ईयर नहीं मनाने के लिए कहा गया है। साथ ही बधाई देने तक की भी मनाही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि यह न्यू ईयर का मतलब ‘अंग्रेजी वर्ष’ की शुरुआत को माना जाता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रजवी ने बताया है कि फतवा चश्मे दरफ्ता बरेली की तरफ से जारी किया गया है। इसमें मुस्लिम समुदाय से न्यू ईयर के जश्न में शामिल नहीं होने की अपील की गई है। रजवी ने कहा, ‘जो युवक और युवतियां न्यू ईयर मनाते हैं, उनके लिए इस फतवे में कहा गया है कि न्यू ईयर को मनाना कोई गर्व की बात नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘न ही इसका जश्न मनाया जाना चाहिए और न ही बधाई दी जानी चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी गैर धार्मिक गतिविधियां ‘मुसलमानों के लिए निषेध हैं।’ रजवी ने कहा, ‘नए लड़कों और लड़कियों को न्यू ईयर नहीं मनाने के निर्देश दिए जाते हैं…। मुसलमानों को न्यू ईयर मनाने से बचना चाहिए।’ उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को धार्मिक कामों में लगना चाहिए।
द सैटेनिक वर्सेज किताब की बिक्री से नाराज मुस्लिम संगठन
मुस्लिम संगठनों ने लेखक सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ की भारत में बिक्री शुरू होने की कड़ी निंदा करते हुए केन्द्र सरकार से इस पर पाबंदी जारी रखने की अपील की है।
देश में मुसलमानों के प्रमुख संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद (एएम) की उत्तर प्रदेश इकाई के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से रुश्दी की किताब की भारत में फिर से बिक्री शुरू होने पर चिंता जताते हुए कहा, ”अगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी की भावना को ठेस पहुंचाती है तो वह कानूनन अपराध है। द सैटेनिक वर्सेज ईश निंदा से भरी किताब है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसी विवादास्पद किताब की बिक्री को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है।”