डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट नहीं करने पर SC ने किसान नेताओं को लगाई फटकार
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं को फटकार लगाई है। उन्होंने उन किसान नेताओं को फटकार लगाई, जो डल्लेवाल को उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के कारण अस्पताल में शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि कृपया उन्हें बताएं कि जो लोग डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने और उन्हें अस्पताल जाने के लिए मनाने के 20 दिसंबर के आदेशों के अनुपालन के संबंध में पंजाब के प्रयासों से संतुष्ट नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शनिवार दोपहर एक बजे तक डल्लेवाल को किसी कीमत पर अस्पताल दाखिल करवाया जाए। लेकिन अभी तक उन्हें अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया है।
31 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
पंजाब के महाधिवक्ता, मुख्य सचिव और डीजीपी के आश्वासन पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों का पालन करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए और समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर पंजाब राज्य को किसी सहायता की आवश्यकता है, तो केंद्र सरकार अदालत के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी अपेक्षित सहायता देगी। सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 31 दिसंबर को करेगा।
कीटोन बढ़ने से बढ़ी डॉक्टरों की चिंता
बता दें कि 33वें दिन भी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खनौरी मोर्चे पर जारी रहा। सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों की टीमों ने कीटोन बॉडी टेस्ट की नवीनतम रिपोर्ट किसान नेताओं को सौंपी।
दोनों रिपोर्ट्स में जगजीत सिंह डल्लेवाल के कीटोन बॉडी रिजल्ट्स बहुत ज्यादा हैं, प्राइवेट डाक्टरों की रिपोर्ट में 6.8 और सरकारी डॉक्टरों की रिपोर्ट में 5.8 है जो सामान्य से बहुत ज्यादा है जो बहुत चिंताजनक है।
हालांकि, डल्लेवाल ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। हम खून का एक-एक कतरा बहा देंगे।
30 दिसंबर को पंजाब बंद
बता दें कि एमएसपी सहित 13 मांगों को लेकर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। 18 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन के बाद अब किसान 30 दिसंबर को पंजाब बंद करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने गुरुवार को कहा कि 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ के आह्वान को कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है।