मुंबई पुलिस ने नौका हादसे पर नौसेना से पूछे सवाल, 14 लोगों की हुई थी मौत

यात्री नाव (नीलकमल) और नौसेना की स्पीड बोट के टकराने को लेकर मुंबई की कोलाबा पुलिस ने नेवी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड से पूछा है कि आखिर ट्रायल रन के लिए उन्हें इजाजत किसने दी थी। बता दें कि इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी। एलिफैंटा की गुफाएं देखने जा रहे यात्रियों के नाव से नौसेना की बोट टकरा गई थी। बाद में नौसेना ने कहा कि इंजन फेल हो जाने की वजह से उनकी बोट अनियंत्रित हो गई थी और इसीलिए यात्री नौका से जा टकराई। यह भी कहा गया था कि यात्री नौका में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार थे।

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मामले में विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इसके अलावा नौसेना से भी पत्राचार किया जाएगा। पुलिस ने यात्री नाव में सवार अन्य यात्रियों, नौसेना की स्पीड बोट के चालक और अन्य सहित 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने कहा कि लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने कहा कि बुधवार दोपहर नीलकमल यात्री नाव पर्यटकों और यात्रियों को लेकर घारापुरी जा रही थी। दोपहर करीब 3.55 बजे नौसेना की स्पीड बोट ने यात्री नाव को दाईं ओर से टक्कर मार दी इसके कारण यात्री नाव क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें पानी घुसने के कारण नाव डूबने लगी। दुर्घटना की सूचना मिलते ही नौसेना, तटरक्षक बल और मुंबई मरीन पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। नौसेना की 11 नावों, तटरक्षक बल की एक और येलोगेट पुलिस स्टेशन की तीन नावों के साथ ही स्थानीय मछली पकड़ने वाली नावों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया। नौसेना के चार हेलीकॉप्टर भी काम में लगाए गए।

उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में दोनों नावों पर सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 115 लोगों को बचा लिया गया। दुर्घटना में बचे एक यात्री ने कहा, नेवी का ड्राइवर मजे के मूड में था और लापरवाही के साथ नाव चला रहा था। दिखावे के चक्कर में उसने यात्री बोट से अपनी बोट टकरा दी। उन्होंने कहा कि नौसेना का ड्राइवर जिस तरह नौका चला रहा था, बहुत सारे लोग उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker