पत्नी के अकेले वॉक पर चले जाने से नाराज पति ने दिया तीन तलाक

महाराष्ट्र के ठाणे जिले से एक दंग कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए तलाक (triple talaq Case) दे दिया क्योंकि वह अकेले वॉक पर चली गई थी। जी हां, आपने सही सुना…। पत्नी के महज अकेले वॉक पर जाने को लेकर पति भड़क उठा और फिर तलाक दे दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, ठाणे पुलिस ने एक 31 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ अपनी पत्नी को कथित तौर पर ‘ट्रिपल तलाक’ (तत्काल तलाक) देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस घटना की जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी।

अधिकारी ने बताया कि मुंब्रा क्षेत्र निवासी आरोपी ने मंगलवार को अपनी 25 वर्षीय पत्नी के पिता को फोन किया और कहा कि वह ‘तीन तलाक’ के जरिए अपनी शादी को रद्द कर रहा है, क्योंकि उसकी पत्नी अकेले टहलने जा रही थी।

अधिकारी ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने बुधवार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(4) के तहत आपराधिक धमकी और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच चल रही है।

पहले दिया तलाक फिर हलाला करा कर रह रहे थे साथ

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में दंपती के बीच अलगाव का अनोखा मामला सामने आया है। पति ने एक बार तलाक (Tripple Talaq) बोल दिया और तीन महीने तक बात नहीं की। हालांकि इस दौरान पति-पत्नी एक ही घर में रहते रहे। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हुआ तो विवाहिता का हलाला कराया गया।

दोबारा निकाह कर वह पति-पत्नी के रूप में रहने लगे, लेकिन दो साल बाद पति ने फिर तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। अब पीड़िता ने एसपी कार्यालय में शिकायती पत्र देकर आरोपी पति और ससुराल वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई है।

मामला गजरौला थाना क्षेत्र के एक गांव का है। किसान ने अपनी बेटी की शादी जनपद बुलंदशहर के थाना व कस्बा गुलावटी निवासी युवक के साथ की थी। शादी में मायके वालों ने काफी दान-दहेज दिया था।

आरोप है कि विवाहिता को ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। उसने तीन बच्चों को जन्म भी दिया। इस दौरान पति का प्रेम प्रसंग दूसरे संप्रदाय की युवती से शुरू हो गया। विवाहिता ने इसका विरोध किया तो घर में तनाव बढ़ गया।

SC ने किया था तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 22 अगस्त 2017 को अपने फैसले में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। SC ने 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था और सरकार से कानून बनाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने कानून बनाते हुए एक साथ तीन बार तलाक बोलकर या लिखकर निकाह खत्म करने को अपराध की श्रेणी में शामिल किया था। इस अपराध के लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा का प्रावधान भी है।

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