UN में चल रही थी सीजफायर के लिए वोटिंग, इधर इजरायल ने गाजा पर ढाया कहर
भारत सहित 158 देशों ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में तत्काल रूप से सीजफायर के प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है। इस प्रस्ताव में गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई है। साथ ही सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई पर भी जोर दिया गया है। यह प्रस्ताव इंडोनेशिया की ओर से लाया गया था जहां 193 सदस्यों वाली महासभा में 158 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं इजरायल और अमेरिका सहित नौ देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया। यूक्रेन और दूसरे 12 देशों ने मतदान प्रक्रिया से दूरी बनाए रखी। इस बीच गाजा पर ताजा इजरायली हमलों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है।
UN में पेश किए गए प्रस्ताव में मांग की गई है कि सभी पक्ष सुरक्षा परिषद के जून 2024 के प्रस्ताव के प्रावधानों को बिना देरी के लागू करें। इन प्रावधानों में तत्काल संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई, फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, मारे गए बंधकों के अवशेषों की वापसी शामिल है। इसमें गाजा के सभी क्षेत्रों में फलस्तीनी नागरिकों की उनके घरों में वापसी और गाजा से इजरायली सेना के लौटने की बात भी कही गई है। प्रस्ताव में गाजा में लोगों के लिए तत्काल रूप से बुनियादी सेवाएं और मानवीय सहायता पहुंचाने की भी मांग की गई है।
ऐतिहासिक राहत शिविर पर हमला
इस बीच गाजा पर इजरायल का प्रहार जारी है। गुरुवार को एक राहत शिविर पर इजरायली हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 50 अन्य लोग घायल हैं। गुरुवार को इस क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 66 हो गई। इजरायली सेना ने नुसेरात शिविर में एक डाक घर पर हमला किया जहां विस्थापित परिवारों ने शरण ली थी। नुसेरात गाजा के आठ ऐतिहासिक राहत शिविरों में से एक है जिसे 1948 में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए बनाया गया था। यह जंग की मार झेल रहे विस्थापित लोगों से भरा एक घनी आबादी वाला इलाका है।
इससे पहले गुरुवार को दक्षिणी गाजा में दो इजरायली हमलों में 13 फिलिस्तीनी मारे गए। गाजा के चिकित्सकों ने कहा है कि हमला राहत सामग्री पहुंचाने वाले ट्रकों की सुरक्षा करने वाले लोगों पर हुआ है। हमास ने भी इसकी पुष्टि की है। वहीं इजरायल की सेना ने कहा है कि वे हमास के आतंकवादी थे जो शिपमेंट को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे थे।