अमीन पद पर बहाल 271 की उम्मीदवारी रद, परीक्षा बोर्ड का फैसला
बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद, पटना द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित 271 अमीनों की उम्मीदवारी रद कर दी गई है। ऐसा उनके निर्धारित समय में योगदान नहीं करने पर किया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी किया। इसमें 1767 पदों पर चयनित अमीनों में से 271 के योगदान नहीं देने पर उनकी उम्मीदवारी रद किए जाने की बात कही गई है।
विदित हो की राज्य में सरकारी अमीनों की कमी को देखते हुए इसकी बड़ी संख्या में बहाली की गई थी। बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से आयोजित परीक्षा के आधार पर अंतिम रूप से 1767 अभ्यर्थियों का चयन अमीन के पद पर किया गया।
इस वर्ष अप्रैल में सभी के चयन के बाद अमीन को जिला आवंटित कर योगदान देने के निर्देश दिए गए। इनमें से 1496 ने निर्धारित जिले में अपना योगदान दे दिया। शेष ने योगदान नहीं किया। जिलों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विभाग ने योगदान नहीं देने वाले चयनित अमीनों की उम्मीदवारी रद कर दी। इनमें मुजफ्फरपुर के लिए 14 चयनित अमीन है।
इसके अलावा अरवल के दो, औरंगबाद के नौ, बांका के चार, बेगूसराय के 13, भागलपुर के 13, भोजपुर के छह, बक्सर के चार, दरभंगा के सात, गया के 11, गोपालगंज के पांच, जमुई के तीन, जहानाबाद के दो, कैमूर के छह, कटिहार के छह, खगड़िया व किशनगंज के तीन-तीन, लखीसराय के दो, मधेपुरा के सात, मधुबनी के 12, मुंगेर के एक, मुजफ्फरपुर के 14, नालंदा के 13, पश्चिमी चंपारण के 16, पटना के सात, पूर्वी चंपारण के 17, पूर्णिया के सात, रोहतास के आठ, सहरसा के चारर, समस्तीपुर व सारण के 14-14, शेखपुरा के दो, शिवहर के एक, सीतामढ़ी के छह, सिवान के 10, सुपाैल के छह एवं वैशाली के सात चयनित शामिल हैं।
पंस व तकनीकी सहायकों का वेतन काटा
बोचहां प्रखंड की लोहसरी पंचायत में ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया जा रहा है। इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। दरअसल, पंचायत सचिव और पंचायत तकनीकी सहायक को इसकी मानीटरिंग करते हुए रिपोर्ट देने की जवाबदेही सौंपी गई थी। उन्होने निर्माण को लेकर झूठी रिपोर्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी बोचहां को दी। संदेह होने पर जियोटैग से तस्वीर मंगाई। इससे स्पष्ट हुआ कि सिर्फ दीवार बनाकर छोड़ दी गई है। लिंटर तक निर्माण होने की जो रिपोर्ट दी गई थी, वह झूठी है।
इसी आधार पर बीडीओ ने पंचायत सचिव कमल पासवान व पंचायत तकनीकी सहायक खुशबु कुमारी का दो दिनों का वेतन काटने का आदेश जारी किया। इसकी रिपोर्ट डीएम व डीडीसी को भेजी है। बताया गया कि योजना पूरी होने में देरी पर बीडीओ ने दोनों संबंधितों को अविलंब इसे पूरा करने को कहा था। इसपर एक सप्ताह में निर्माण कार्य पूरा करने की बात कही गई।
दोबारा जब बीडीओ ने इस संबंध में जानकारी ली तो बताया कि लिंटर तक कार्य पूर्ण हो गया और पांच लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इसी दौरान उन्हें संदेह हुआ तो जियोटैग तस्वीर मंगा अवलोकन किया गया। इसमें दोनों का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। इसपर कार्रवाई करते हुए अंतिम रूप से चेतावनी भी दी गई है।