EPFO ने फरीदाबाद की 149 कंपनियों को भेजे नोटिस, एक महीने में मांगा जवाब
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरफ से लंबे समय से कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं करने पर फरीदाबाद की 149 कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं। इन कंपनियों पर करीब साढ़े सात करोड़ रुपये बकाया है। नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने के वक्त किया गया है। इस दौरान अगर नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो इन संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फरीदाबाद जिले में छोटी बड़ी करीब 28 हजार कंपनियां हैं। ईपीएफओ में पंजीकृत कंपनियों को हर माह कर्मचारी के वेतन का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफओ में जमा करना होता है। इतना ही पैसा कंपनी की तरफ से भी उसी खाते में जमा किया जाता है। वर्तमान दौर में ऑनलाइन व्यवस्था होने के कारण विभाग कंपनियों पर सख्ती से नजर रख रहा है।
पिछले दिनों जांच में खुलासा हुआ : पिछले दिनों ईपीएफओ की जांच में सामने आया था कि शहर में 149 कंपनियों ने पीएफ की राशि कर्मचारी के वेतन से काट ली, लेकिन वह पीएफ खाते में नहीं डाली गई। कई मामलों में ऐसा देखा गया कि कर्मचारी का अंशदान जमा कर दिया गया और नियोक्ता का अंशदान जमा नहीं किया गया है। कंपनी द्वारा पीएफ खाते में पैसा जमा करते ही कर्मचारी के फोन पर एसएमएस मिलता है, लेकिन पिछले करीब कई माह से उन्हें अपने पीएफ खातों की जानकारी नहीं मिल रही है। पिछले दिनों ऐसे कई मामले भी सामने आए।
कर्मचारियों का अंशदान नहीं किया जमा : अधिकारियों के अनुसार, कोरोना काल में अनेक कंपनियों ने कर्मचारियों का अंशदान नहीं भरा। जिस कारण बकायेदारों की संख्या काफी बढ़ गई। छह माह पहले 650 से अधिक कंपनी संचालकों को नोटिस जारी किए गई थे। जिनमें अनेक ने पैसे जमा कर दिए। एक माह पहले की गई जांच में एक बार 149 कंपनियां ऐसी पाई गईं। जिन्होंने कर्मचारियों का पैसा जमा नहीं किया।
अब पीएफ कार्यालय द्वारा रिकवरी अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी अंशदातों के पैसे की रिकवरी की जा सके और उसे कर्मचारी के खाते में दोबारा डाले जा सके। वर्ष 2022 में 12 कंपनियों ने कर्मचारियों के 6.28 करोड़ रुपये जमा नहीं किए थे। यह आंकड़ा 2023 में 144 रहा। इन कंपनियों पर कर्मचारियों का 9.29 करोड़ रुपये बकाया है। वर्ष 2024 में सामने आई कंपनियों से वसूली अभियान जारी है।
बैठक में उठाया जाएगा मुद्दा : संबंधित कंपनियों के कर्मचारियों के पीएफ के पैसे समय पर जमा नहीं करने का मुद्दा पंचकूला में कल होने वाली रीजनल बोर्ड की बैठक में उठाया जाएगा। अधिकारियों से इस प्रकार की कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की जाएगी। जिससे इस प्रकार के बढ़ते मामलों को रोका जा सके। भविष्य में यदि कोई कंपनी संचालक कर्मचारियों का पीएफ का पैसा जमा नहीं करें तो उनकी उचित जवाबदेही तय हो सके।
बकायेदारों की संख्या बढ़ी
पिछले करीब दो वर्ष से अनेक कंपनियों ने कर्मचारियों का अंशदान जमा नहीं किया। जिस कारण बकायेदारों की संख्या काफी बढ़ गई। पीएफ कार्यालय की तरफ से इसे लेकर वसूली अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी अंशदातों के पैसे की वसूली की जा सके और उसे कर्मचारी के खाते में दोबारा डाले जा सके। वर्ष 2024 की जांच में सामने आया कि 29 कंपनियों ने कर्मचारियों के 2.22 करोड़ रुपये जमा नहीं किए थे। इन सभी कंपनियों को विभाग की ओर से कई बार नोटिस भी दिए गए, लेकिन हर बार नोटिस को अनदेखा कर दिया।
विभागीय जांच हुई थी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक आयुक्त का कहना है कि विभागीय जांच में 149 कंपनियों ऐसी पाई गई जो तय समय पर कर्मचारियों के पीएफ की रकम जमा नहीं कर रही थी। इन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। संबंधित कंपनियों से मामले जवाब मांगा गया है।
कॉमरेड बेच्चू गिरी, चेयरमेन, एटक हरियाणा ने कहा, ”सरकार में इंस्पेक्टर राज खत्म होने पर डिफॉल्टरों की संख्या बढ़ गई है। रीजनल बोर्ड की मीटिंग में कई बार मुद्दे को उठाया गया है। पंचकूला में मीटिंग होनी है, इसमें फिर से मुद्दा उठाएंगे।”
कृष्ण कुमार, सहायक आयुक्त ईपीएफओ ने कहा, ”जिन कंपनियों ने ईपीएफ का पैसा जमा नहीं किया है। विभाग पहले नोटिस जारी करता है। एक माह में संतोषजनक जवाब न मिलने पर एक और नोटिस दिया जाता है। बार-बार नोटिस की अनदेखी करने पर कंपनी संचालक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया जाता है।”