सोना के दाम में आई गिरावट, चांदी की बढ़ी कीमतें, जानिए नए रेट…

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार (9 दिसंबर) को सोने की कीमतों में गिरावट दिखी। हालांकि, चांदी के दाम एक बार फिर बढ़ गए। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 190 रुपये गिरकर 78,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता यानी 24 कैरेट वाला गोल्ड 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

हालांकि, चांदी सोमवार को 350 रुपये बढ़कर 93,850 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले सत्र में यह धातु 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। शुक्रवार को पीली धातु 78,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध 410 रुपये या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 77,029 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए।

सोने पर क्या है एक्सपर्ट की राय

MCX पर सोने की कीमतें बढ़ने के बारे में एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि इसकी वजह वैश्विक अस्थिरता है।

उन्होंने कहा, “भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सुरक्षित निवेश की मांग फिर से बढ़ने से MCX पर सोने की कीमतें बढ़कर ₹77,200 पर पहुंच गईं। विद्रोही बलों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटा दिया, सीरियाई क्षेत्र में इजरायल की भागीदारी और तुर्की समर्थित विद्रोही गतिविधि की रिपोर्ट ने तनाव बढ़ा दिया।”

त्रिवेदी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के नेतृत्व संकट ने वैश्विक अनिश्चितता को बढ़ा दिया। इसमें राष्ट्रपति यूं सुक येओल की आपराधिक जांच और महाभियोग से बचने की बात शामिल है। इन घटनाक्रमों ने सोने की रेंज को ₹76,500-₹78,000 तक बढ़ा दिया, जिससे निकट भविष्य में सुरक्षित निवेश की मांग में तेजी रहने की संभावना है।

हमेशा सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें

आपको हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदना चाहिए। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

गोल्ड ETF में निवेश करने वालों की तादाद भी बढ़ रही है। बीते महीने यानी नवंबर में भारतीयों ने गोल्ड ETF में करीब 1,482 करोड़ रुपए निवेश किया। इसकी एक बड़ी वजह इक्विटी बाजार में भारी अस्थिरता रही। इससे पहले अक्टूबर में गोल्ड ETF में 1,961 करोड़ रुपये और सितंबर में 1,233 करोड़ रुपये का निवेश आया है।

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