बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर सीएम योगी और मायावती ने दी श्रद्धाजंलि

लखनऊ, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने श्रद्धाजंलि दी है। दरअसल, भारत में 6 दिसंबर के दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले बाबा साहेब आंबेडकर का 1956 में निधन हुआ था।

महापरिनिर्वाण का अर्थ बौद्ध धर्म में आत्मा की मुक्ति से है और इस दिन को आंबेडकर की महान आत्मा की शांति और उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, संविधान शिल्पी, सामाजिक न्याय के पुरोधा और वंचितों के प्रखर स्वर, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! अंत्योदय एवं लोक-कल्याण हेतु समर्पित बाबा साहब सच्चे अर्थों में मां भारती के महारत्न और लोकतंत्र की पाठशाला हैं। उनका संपूर्ण जीवन हम सभी के लिए पाथेय है।

बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े बहुजनों आदि के सच्चे मसीहा भारतरत्न बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, देश-विदेश में रहने वाले उनके सभी अनुयाइयों की तरफ से, आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत-शत् नमन् एवं अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। इससे आगे मायावती ने कहा, देश हेतु निर्मित अनुपम संविधान के जरिए बाबा साहेब शोषितों-पीड़ितों के लिए हमेशा उम्मीद की किरण हैं व लोगों के दिलों में बसे हैं। सरकारें भी उनके संविधान पर सही से अमल करके बहुजनों का हित व कल्याण करें ताकि भारत गरीबी व बेरोजगारी-मुक्त अमन चौन, सुख, समृद्धि वाला महान देश बने।

डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. वह महार जाति से थे, जिसे उस समय अछूत माना जाता था। अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही आंबेडकर ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता का सामना किया, लेकिन उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ने उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया।

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