महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 34 लाख
नोएडा, साइबर अपराधियों ने एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 34 लाख रुपए ठग लिए। जालसाज ने मुंबई से ईरान भेजे जा रहे पार्सल में आपत्तिजनक वस्तु होने का डर दिखाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता की शिकायत पर साइबर अपराध थाना पुलिस ने चार माह बाद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सेक्टर-41 में रहने वाली निधि पालीवाल ने पुलिस को बताया कि आठ अगस्त की सुबह 10 बजे उनके पास अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके नाम से एक पार्सल मुंबई से ईरान जा रहा था।
पार्सल में आपत्तिजनक सामान होने के कारण उसे कस्टम विभाग के अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया है। पूछने पर बताया कि पार्सल में पांच पासपोर्ट, दो डेबिट कार्ड, दो लैपटॉप, 900 अमेरिकी डॉलर और 200 ग्राम ड्रग्स है। पार्सल भेजने वाले ने पहचान पत्र के रूप में निधि पालीवाल के नाम का आधार कार्ड लगाया है। पीड़िता ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल ईरान नहीं भेजा है। इसके बाद जालसाजों ने कहा कि उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हो चुकी है। इसके बाद आरोपी ने व्हाट्स ऐप के माध्यम से एक एफआईआर की कॉपी भेजी। इसके बाद कॉल को नारकोटिक्स विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया। बताया गया कि पार्सल में गैर कानूनी ड्रग्स होने के चलते जांच की जा रही है।
इसके बाद जालसाजों ने मुंबई साइबर सेल को कॉल ट्रांसफर कर दी। स्काइप ऐप के जरिए वीडियो कॉल पर बात करना शुरू कर दिया। साथ ही चेतावनी दी कि जांच पूरी होने तक वह वीडियो कॉल पर रहें और किसी को भी इसकी जानकारी न दें। वीडियो कॉल में केवल निधि पालीवाल की फोटो ही आ रही थी, कॉल करने वाले ने अपना कैमरा बंद किया हुआ था। आरोपियों ने धमकाया यदि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया तो जेल भेज दिया जाएगा। आरोपियों ने पीड़िता के बैंक खातों की जानकारी मांगी और कुछ दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए। आरोपियों ने डराया कि गैर कानूनी तरीके से उनके बैंक खाते में 19 लाख 92 हजार रुपए आए हैं।
जांच पूरी होने तक आरोपियों ने पीड़िता के बैंक खाते में जमा 34 लाख रुपए अपने बैंक खाते में मंगवा लिए। पीड़िता ने सेक्टर-दो स्थित बैंक में जाकर धनराशि ट्रांसफर कर दी। आरोपियों ने आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद यह धनराशि उनके खाते में वापस कर दी जाएगी। इस दौरान आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो नोटिस भी भेजे। जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। धनराशि ट्रांसफर कराने के बाद आरोपियों ने पीड़िता से संपर्क तोड़ लिया। ठगी का अहसास होने के बाद पीड़िता ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।