सर्वार्थसिद्धि योग मनेगी देवउठनी एकादशी, श्रीविष्णु योग निद्रा से जागेंगे

सर्वार्थसिद्धि योग में देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनाई जायेगी। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को इस जगत के पालनहार श्री विष्णु के योग निंद्रा से जागने के साथ ही मांगलिक कार्य शुरु हो जायेंगें और विवाह की सुनाई बजने लगेगीं।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि देवउठनी एकदाशी के दिन चातुर्मास समाप्त होते हैं। इसके बाद से ही सभी मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक विष्णु जी की उपासना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। प्रभु नारायण जातक की सभी मनोकामनाओं को भी पूरी करते हैं।

देवउठनी एकादशी पर शुभ योग

देवउठनी एकादशी को शाम सात बजकर 10 मिनट तक हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह सात बजकर 52 मिनट से हो रहा है जो 13 नवंबर को सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो रहा है। साथ ही रवि योग का संयोग देवउठनी एकादशी पर बन रहा है।

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम छह बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 12 नवंबर को शाम चार बजकर चार मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।देवउठनी एकादशी का पारण 13 नवंबर को किया जाएगा।

एकादशी पारण का समय सुबह छह बजकर 42 मिनट से सुबह आठ बजकर 51 मिनट तक का रहेगा। एकादशी का पारण द्वादशी तिथि के अंदर में ही किया जाता है। द्वादशी तिथि दोपहर एक बजकर एक मिनट पर समाप्त होगा। एकादशी के अगले दिन द्वादशी को तुलसी विवाह है।

नवंबर माह के मुर्हूत

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 12, 13, 16, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर तिथियां विवाह के लिए शुभ रहेंगी।

दिसंबर माह के विवाह शुभ मुहूर्त

2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14, 15, दिसंबर तिथि विवाह के लिये शुभ रहेगी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker