लखनऊ में आईएम ग्रुप पर इनकम टैक्स की रेड,16 ठिकानों पर कार्रवाई
लखनऊ, लखनऊ के बड़े रियल एस्टेट कारोबारी कादिर अली के आवास सहित 16 ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की है। आयकर टीम बुधवार सुबह रियल एस्टेट ग्रुप आईएम के गोमती नगर स्थित ऑफिस पहुंची और जांच शुरू की गई। सूत्रों के अनुसार, कंपनी मालिक कादिर अली के आवास, ऑफिस के अलावा आईएम ग्रुप के रशेल कोर्ट और विस्तार परियोजनाओं के कार्यालयों में भी एक साथ छापेमारी की गई है।
इनकम टैक्स की यह कार्रवाई वित्तीय गड़बड़ी, टैक्स चोरी और अवैध फंडिंग की शिकायत के बाद की गई। जानकारी के मुताबिक आईएम ग्रुप की स्थापना 1987 में की गई थी। यह ग्रुप दिल्ली-एनसीआर सहित लखनऊ में हाईराइज सोसायटी और होम टाउन प्रोजेक्ट पर काम करता है। कंपनी के खिलाफ टैक्स चोरी और अवैध फंडिंग की शिकायतें की गई थीं। इसके साथ ही ब्लैक मनी को व्हाइट करने में भी कंपनी पर आरोप लगे हैं। इनकम टैक्स छापेमारी आईएम ग्रुप द्वारा अघोषित आय को लेकर की गई, जिसमें एक बड़े टैक्स पार्ट नहीं दिखाया गया। रियल एस्टेट कंपनी पर कैश के हैवी लेन-देन के लिए जांच की जा रही है।
कंपनी का टर्नओवर का सटीक आंकड़ा आईएम ग्रुप की वेबसाइट पर आईएमलब्ध नहीं हैं। लखनऊ और अन्य शहरों में इसके बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स को देखते हुए माना जा रहा है कि कंपनी का सालाना टर्नओवर 1000 करोड़ से ज्यादा का है। वर्ष 2017 में पुरानी केरेंसी के मामले में भी आईएम कंपनी पर छापेमारी हुई थी। तब उरई में नगर पंचायत अध्यक्ष और करीबियों के ठिकानों पर आयकर की टीम ने छापेमारी की थी। आयकर सूत्रों के अनुसार ग्रुप के पास बोगस कंपनियों के जरिए काला धन सफेद करने में बड़ा नेटवर्क है। सबसे पहले जीएसटी की छापेमारी में यह पता चला था, कि इनपुट क्रेडिट टैक्स की बड़ी हेराफेरी की जा रही है। बोगस कंपनियों के नाम पर यह सब चल रहा है। इसी के जरिए करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की जा रही थी।
कादिर अली, एमआई ग्रुप के मालिक हैं और रियल एस्टेट क्षेत्र में जाने-माने व्यक्ति हैं। हालांकि उनका कोई स्पष्ट और सार्वजनिक राजनीतिक संबंध नहीं है, लेकिन अक्सर बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स के कुछ राजनीतिक संपर्क होते हैं। लखनऊ में कई बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के कारण राजनीतिक हलकों में उनकी पहचान हो सकती है। एमआई ग्रुप के खिलाफ छापेमारी में कुछ राजनीतिक पहलू हो सकते हैं, जैसा कि अन्य रियल एस्टेट मामलों में देखा गया है, जो कभी-कभी सपा जैसी पार्टियों से जुड़े रहे हैं। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो 18 अक्टूबर को लखनऊ में मसाला कंपनी के मालिक मुकेश जिंदल, अरुण जिंदल के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। शहर के निराला नगर, इंदिरा नगर, न्यू हैदराबाद स्थित दफ्तर और घरों पर छापा मारा गया था। इनके यहां भी पहले जीएसटी की छापेमारी की जा चुकी है।