हरियाणा में नई सरकार बनाने को लेकर सियासत तेज
हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी द्वारा लगातार जीत हासिल करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट हुई है।
हरियाणा में हमारी जो प्रचंड जीत हुई है उसके बारे में मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया है। मैंने प्रधानमंत्री को कहा है कि उन्हें हरियाणा के लोग बहुत प्यार और स्नेह करते हैं जिसका परिणाम है कि तीसरी बार हरियाणा में डबल इंजन की सरकार बन रही है।
हरियाणा में सीएम कौन होगा, इसके सवाल पर नायब सैनी ने कहा कि इसका फैसला हमारा संसदीय बोर्ड तय करेगा। विधायक दल अपना नेता चुनेगा, किसे चुना जाएगा किसे नहीं ये उन पर निर्भर करता है। हमारे यहां ‘किंतु-परंतु’ नहीं है। संसदीय बोर्ड का जो आदेश होगा वो मान्य होगा। उनका जो भी फैसला होगा वो सर्वमान्य है।
पीएम मोदी को जाता है जीत का श्रेय: नायब सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रचंड जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में ऐसी नीतियां और योजनाएं चलाई हैं जिसका लाभ गरीब व्यक्ति को भी मिल रहा है, किसान को भी मिल रहा है, युवा को भी मिल रहा है और महिला को भी मिल रहा है।
इसका परिणाम है, मोदी जी की लोकप्रियता का परिणाम है, उन्हें देश के लोग प्यार करते हैं जिसके परिणामस्वरूप भाजपा हरियाणा में तीसरी बार प्रचंड बहुमत से आ रही है। मैं हरियाणा भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त करता हूं। उनकी मेहनत के कारण ही हम तीसरी बार सत्ता में आए हैं।
बीजेपी लीडरशीप से करेंगे सलाह-मशविरा
वहीं, जानकारी के अनुसार नायब सैनी अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए अपने वरिष्ठ नेतृत्व से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा में लगातार जीत हासिल कर सत्ता बरकरार रखी और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की वापसी की कोशिशों को रोक दिया। विधानसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
हरियाणा के कैसे रहे परिणाम
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सिरसा के उम्मीदवार रोहतास जांगड़ा का नामांकन-पत्र हलोपा उम्मीदवार गोपाल कांडा के समर्थन में वापस ले लिया गया था, लेकिन कांडा फिर भी चुनाव नहीं जीत सके। कांग्रेस ने भी 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भिवानी की सीट सीपीआइएम को इंडिया गठबंधन के तहत दी गई थी
यहां से सीपीआएएम के ओमप्रकाश बुरी तरह चुनाव हारे हैं। भाजपा ने 90 में से 48 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली है। इनेलो ने दो सीटों डबवाली और रानियां में जीत हासिल की। वहीं, एक सीट पर प्रदेश की राजनीति में यह भी पहला मौका है जब क्षेत्रीय दलों को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है।