छत्तीसगढ़ में सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ में 31 नक्सली को किया ढेर

खेतों और गंदगी भरे रास्तों से होकर 10 किलोमीटर की मोटरसाइकिल की सवारी। उसके बाद पहाड़ी इलाके की 12 किलोमीटर की चढ़ाई। 48 घंटे का ऑपरेशन और 1500 सुरक्षाकर्मी। इस तरह छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सबसे सफल अभियान में 31 नक्सलियों का खात्मा किया गया।

अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि लगभग 1500 सुरक्षाकर्मियों ने नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर जंगल में अपने 48 घंटे के ऑपरेशन के तहत माओवादियों को कुचलने के लिए इस कठिन मार्ग को कवर किया। 24 साल पहले राज्य के निर्माण के बाद से किसी एक ऑपरेशन में माओवादियों द्वारा मारे गए लोगों की यह सबसे अधिक संख्या थी। यह हमला कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में उच्च रैंकिंग कैडरों सहित 29 नक्सलियों के मारे जाने के पांच महीने से अधिक समय बाद हुआ है।

दंतेवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरके बर्मन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दंतेवाड़ा और नारायणपुर के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल के लगभग 1500 जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे। उन्होंने कहा कि गवाडी, थुलथुली, नेंदुर और रेंगवाया गांवों की पहाड़ियों पर उनकी कंपनी नंबर 6 और पूर्वी बस्तर डिवीजन से जुड़े माओवादियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक चला यह ऑपरेशन राज्य में अब तक का सबसे बड़ा सफल आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन साबित हुआ।

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे नेंदूर और थुलथुली गांवों के बीच जंगल में गोलीबारी शुरू हुई और देर शाम समाप्त हुई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुठभेड़ स्थल से 28 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे, वहीं शनिवार को तीन और शव मिले। उन्होंने बताया कि मारे गए नक्सली ‘वर्दी’ में थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सुदृढीकरण से तलाशी अभियान में मदद मिली और नक्सलियों के शवों को दंतेवाड़ा लाया जा रहा है। घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में कुछ स्थानों पर माओवादी पोस्टर देखे जा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि नक्सली गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए छिंदनार गांव में इंद्रावती नदी को पार करना पड़ता है, जहां एक किलोमीटर से अधिक लंबा पुल बनाया गया है।

बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने पीटीआई को बताया कि नक्सलियों की पहचान अभी तक सुनिश्चित नहीं की गई है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वे पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर 6, प्लाटून 16 और माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन रेंज के थे।

उन्होंने कहा कि इनपुट के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया। डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के सदस्यों कमलेश, नीति, नंदू और सुरेश सलाम जैसे अन्य वरिष्ठ कैडरों की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों में वे भी शामिल हैं या नहीं, इसका पता पहचान सुनिश्चित करने के बाद चलेगा।

अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों द्वारा दागे गए अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) के एक शेल में विस्फोट से डीआरजी का एक जवान घायल हो गया। आईजीपी ने कहा कि शवों के साथ मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, एक एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल), एक इंसास राइफल, एक एलएमजी राइफल और एक .303 राइफल सहित हथियारों का जखीरा भी बरामद किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने सफल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की। कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुलिस ने कहा कि नवीनतम मुठभेड़ के बाद इस साल अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 188 माओवादियों को मार गिराया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker