दूर कर लीजिए दिवाली डेट का कंफ्यूजन, इंदौर में विद्वत परिषद की बैठक हुआ फैसला

सभी के मन में दिवाली का उत्साह है, लेकिन तारीख को लेकर दुविधा की स्थिति भी है। तिथियों की घट-बढ़ के कारण इस बार यह स्थिति बनी है। शास्त्र सम्मत निराकरण के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर में विद्वत परिषद की बैठक हुई।

इसमें मौजूद विद्वानों ने 31 अक्टूबर और 1 नवंबर में से दीपावली कब मनाई जाए, इस विषय पर चर्चा की। चर्चा में तय किया गया कि एक नवंबर को दीपावली मनाना अधिक शास्त्र सम्मत है। पंचांगकर्ताओं ने भी इस बात का समर्थन किया है।

6 दिन का दीप पर्व, 1 नवंबर को होगा लक्ष्मी पूजन

  • खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट के अनुसार, धनतेरस 29 अक्टूबर और 30 अक्टूबर को दीपदान होगा। रूप चतुर्दशी 31 अक्टूबर, लक्ष्मी पूजन एक नवंबर को होगा।
  • गोवर्धन पूजन दो नवंबर और तीन नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी। परिषद के आचार्य रामचंद्र शर्मा के अनुसार, 31 अक्टूबर और एक नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि प्रदोषकाल में है।

इसलिए 1 नवंबर को मनाई जाएगी दिवाली

दो दिन अमावस्या होने से दूसरे दिन दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत है। इस मौके पर ज्योतिषाचार्य चंद्रभूषण व्यास, पं. योगेंद्र महंत, पुजारी दीपेश व्यास, पं. विजय अडीचवाल, ज्योतिषाचार्य प्रदीप जोशी, डा उमाशंकर पुरोहित, भागवताचार्य रुचित द्विवेदी आचार्य रामचंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।

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