अजब-गजब: सोते सोते महिला बनीं लखपति, कमा लिए 9 लाख रुपये
कहते हैं कि, पैसा कमाना आसान नहीं है. कई लोग ऐसे हैं, जो रात-दिन एक कर के कड़ी मेहनत से एक-एक रुपया जोड़ पाते हैं. पैसा कमाने में लोगों की चप्पले तक घिस जाती हैं. वहीं कई लोग ऐसे हैं, जो बस अपने आलस के चलते मिलने वाली अच्छी-खासी अपॉर्चुनिटी को भी गंवा बैठते हैं और बस नींद में ही लखपति बनने का सपना देखते रहते हैं, लेकिन सोचिए क्या हो अगर आपको इस आलस भरी नींद से भी मालामाल होने का मौका मिले, तो यकीनन आप भी लखपति होने का ये मौका नहीं गंवाना चाहेंगे. दरअसल, हाल ही में एक महिला ने सिर्फ सोकर ही 9 लाख रुपये कमा लिए हैं. सोचकर आपको भी जोर का झटका लगा होगा, लेकिन ये सच है.
बेंगलुरु की इस महिला ने बिना कुछ किए जीत लिए 9 लाख रुपये
दरअसल, बेंगलुरु की साईश्वरी पाटिल नाम की एक महिला ने बिना कुछ किए सिर्फ सोकर ही 9 लाख रुपये जीत लिए. महिला ने जब यह खबर अपनी मां को सुनाई, तो सुनकर वह भी दंग रह गईं. ये जानकर आपके जहन में भी कई सवाल खड़े हो रहे होंगे कि, आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, तो चलिए आपको भी बताते हैं कि आखिर ये महिला कैसे लखपति बन गई. क्या आपने किसी ऐसी इंटर्नशिप के बारे में सुना है, जहां सिर्फ सोने के लिए पैसे मिलते हैं, वो भी लाखों में. दरअसल, हाल ही में भारत की सिलिकॉन वैली और टेक्नोलॉजी हब बेंगलुरु की एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने सिर्फ सोकर 9 लाख रुपये का ईनाम अपने नाम कर लिया. बता दें कि, साईश्वरी पाटिल ने होम एंड स्लीप सॉल्यूशन ब्रांड (Wakefit) के स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने स्लीप चैंपियन बनकर बतौर पुरस्कार 9 लाख रुपये जीत लिए. बता दें कि, साईश्वरी इस प्रोग्राम के 12 अन्य स्लीप इंटर्न में से एक थीं.
रातोंरात महिला बनीं लखपति
बता दें कि, बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप वेकफिट के स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम का यह तीसरा सीजन था, जिसमें 12 स्लीप इंटर्न ने हिस्सा लिया था. यह इंटर्नशिप प्रोग्राम उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, जो नींद को प्रायोरिटी देते हैं. स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम के मुताबिक, प्रतिभागियों को हर रात कम से कम 8 से 9 घंटे की नींद लेने की जरूरत होती है. प्रतिभागियों को रात की नींद के अलावा दिन में 20 मिनट का पावर नैप लेने के लिए भी कहा जाता है. वहीं सोने के लिए प्रतिभागियों को प्रीमियम गद्दे के साथ स्लीप ट्रैकर भी दिया जाता है, जिससे नींद को ट्रेक किया जा सके.