मैनपुरी में नेग के रुपये न मिलने पर नवजात की देखभाल नहीं की, मौत के बाद DM से शिकायत
कस्बा करहल में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने वाली प्रसूताओं से प्रसव कराने के नाम पर अवैध वसूली का खेल चल रहा है। 10 दिन पूर्व सीएचसी पर प्रसव के लिए पहुंची गांव ओंन्हा निवासी प्रसूता से पहले प्रसव कराने के नाम पर रुपये मांगे गए।
डिलिवरी के बाद नेग के रूप में रुपये की मांग की गई। नेग न मिलने पर स्टाफ नर्स ने बच्चे को टेबल पर रख दिया और कोई देखभाल नहीं की। बाद में हालत बिगड़ने पर उसे रेफर कर दिया गया। स्वजन नवजात को लेकर सैफई मेडिकल कालेज पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मामले में शिकायत के बाद सीएमओ ने जांच के लिए कमेटी गठित की है।
संजलि को करहल में कराया था भर्ती
करहल क्षेत्र के गांव ओन्हा निवासी सुजीत कुमार की पत्नी संजलि गर्भवती थीं। प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें बीती 18 सितंबर को उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करहल पर भर्ती कराया गया था। आरोप है कि भर्ती कराने के दौरान स्टाफ नर्स ज्योति द्वारा प्रसव कराने के नाम पर 5100 रुपये की मांग की गई। स्वजन द्वारा सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क प्रसव होने की बात कही गई तो उक्त स्टाफ नर्स अभद्रता करने लगी और रात के समय उचित देखभाल नहीं की गई।
बेटे को दिया जन्म
19 सितंबर की सुबह चार बजे संजलि ने पुत्र को जन्म दिया तो स्टाफ नर्स ने नेग के रूप में फिर से रुपये की मांग की। रुपये देने से मना करने पर नवजात बच्चे को एक कपड़े में लपेटकर टेबल पर रख दिया गया। बार-बार कहने के बाद भी बच्चे की कोई देखभाल नहीं की गई। करीब 40 मिनट पर बच्चे की हालत खराब होने की जानकारी देकर उसे मेडिकल कालेज सैफई के लिए रेफर कर दिया गया। सैफई पहुंचने पर नवजात की मृत्यु हो गई।
नवजात की देखभाल नहीं करने का आरोप
स्वजन के मुताबिक डाक्टरों ने प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने के कारण नवजात की हालत बिगड़ने की जानकारी दी। वापस आकर जब उक्त बात स्टाफ नर्स से शिकायत करने की बात कही तो वह झगड़ा करते हुए समझौता करने की धमकी देने लगी। पीड़ित ने मुख्यमंत्री, डीएम और सीएमओ को शिकायती पत्र भेजकर उक्त स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।