मोईद की जमानत पर नैनीताल HC ने सरकार से मांगा जवाब, हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक का है बेटा

हल्द्वानी में वनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक के बेटे एवं इस घटना के आरोपी अब्दुल मोईद और एक अन्य आरोपी जावेद सिद्दीकी की डिफॉल्ट बेल (वैधानिक जमानत) पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अपनी आपत्ति पेश करने के लिए कहा है। 

मोईद मामले में सरकार को तीन सप्ताह और जावेद के मामले में दो सप्ताह के भीतर आपत्ति पेश करनी है। मामले की सुनवाई मंगलवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने की। 

कोर्ट ने हिंसा के आरोपी जावेद सिद्दीकी के मामले में सुनवाई के लिए 13 अक्तूबर और आरोपी अब्दुल मोईद के मामले में 26 अक्तूबर की तिथि सुनवाई के लिए नियत की है। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों की तरफ पेश अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट ने पहले एक मुकदमे में नामजद आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया मलिक को जमानत दी है। 

उसके बाद वनभूलपुरा हिंसा में शामिल अन्य 50 लोगों को जमानत दी गई। इसको आधार मानते हुए मोईद और जावेद को भी जमानत पर रिहा किया जाए। बचाव पक्ष ने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच किए बिना ही उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468, 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है। 

महीनों बीत गए लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है। जबकि मुकदमा दर्ज होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को कोर्ट में आरोप पत्र पेश करना जरूरी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक आरोप पत्र पेश नहीं किया है। लिहाजा दोनों को जमानत पर रिहा किया जाए।

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