ओडिशा के पांच पुलिसकर्मी निलंबित, सेना के अधिकारी और उनकी महिला मित्र से दुर्व्यवहार का आरोप

ओडिशा पुलिस ने सेना के अधिकारी के साथ मारपीट और थाना में उनकी महिला मित्र से छेड़छाड़ के आरोप में भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस महानिदेशक वाईबी खुराना ने आदेश जारी कर कहा कि दुर्व्यवहार के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाता है। निलंबित पुलिसकर्मियों की पहचान इंस्पेक्टर दिनकृष्ण मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर बैसालिनी पांडा, दो महिला एएसआई सलिलमयी साहू और सागरिका रथ और कॉन्स्टेबल बलराम हांसदा के तौर पर की गई है।

सेना के अधिकार और उनकी महिला मित्र से दुर्व्यवहार करने के आरोप में मंगलवार को इंस्पेक्टर दिनकृष्ण मिश्रा, एएसआई सलिलमयी साहू और कॉन्स्टेबल बलराम हांसदा का ट्रांसफर कर दिया गया। आदेस लागू रहने की अवधि तक वे भुवनेश्वर-कटक, भुवनेश्वर पुलिस आयुक्त के नियंत्रण में रहेंगे। ओडिशा सेवा संहिता के नियम 90 के तहत उन्हें विशेष भत्ता और महंगाई भत्ता दिया जाएगा। 

सेना अधिकारी पश्चिम बंगाल में तैनात है। उनकी महिला मित्र ने रविवार की सुबह रोडरेज की शिकायत दर्ज कराने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था। थाने में एफआईआर को लेकर पुलिस से दोनों की झड़प हो गई, जिसके बाद सेना के अधिकारी को लॉकअप में डाल दिया गया। उनकी महिला मित्र को एक महिला पुलिसकर्मी एकांत कमरे में ले गई। अधिकारी को 10 घंटे तक लॉकअप में रखा गया और बाद मं सेना अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। 

इस घटना के बाद भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “ओडिशा के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना के अधिकारी से दुर्व्यवहार की घटना मीडिया में रिपोर्ट की गई। भारतीय सेना इस घटना को गंभीरता से लेती है। इस घटना के संबंध में राज्य अधिकारियों के समक्ष आवश्यक कार्रवाई की गई है।”

इस घटना के संबंध में बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों आपत्तिजनक हालत में थाने पहुंचे थे। जब उन्हें लिखित में रोड रेज घटना पर शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया, तब उन्होंने इससे इनकार किया और पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने लगे। डीजीपी के आदेश के बाद ओडिशा की क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच की पांच सदस्यीय टीम ने मंगलवार को इस घटना के दौरान वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों से चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। ओडिशा हाई कोर्ट ने सेना अधिकारी की महिला मित्र द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को एम्स भुवनेश्वर में उनका इलाज कराने का आदेश दिया।

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