गणेश चतुर्थी व्रत कथा के पाठ से प्रसन्न होंगे गणपति बप्पा, बिगड़े काम होंगे पूरे

भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा का अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल गणेश उत्सव का आरंभ गणेश चतुर्थी के साथ होता है। वहीं, इसका समापन अनंत चतुर्दशी को होता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी की पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करने से जीवन की सभी समस्या से छुटकारा मिलता है। आइए पढ़ते हैं गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi ki Katha) व्रत कथा।

गणेश स्थापना शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturth 2024) की शुरुआत 06 सितंबर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार, 07 सितंबर को मनाया जाएगा। भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi Muhurat) की स्थापना करने का शुभ मुहूर्त 07 सितंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक है।  

गणेश चतुर्थी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार नदी किनारे मां पार्वती महादेव के संग बैठी थीं। तभी उन्होंने चौपड़ खेलने की इच्छा जताई, लेकिन उनके अलावा कोई तीसरा नहीं था, जो चौपड़ के खेल के दौरान हार और जीत का निर्णय करे। इस स्थिति में महादेव और मां पार्वती ने एक मिट्टी का बालक बनाया और उसे प्राण दिए और उसे खेल में हार-जीत का फैसला करने का निर्देश दिया। इसके बाद खेल में मां पार्वती लगातार तीन से चार बार विजयी हुईं, लेकिन एक बार बालक ने गलती से महादेव को विजयी घोषित कर दिया। ऐसे में मां पार्वती को क्रोध आ गया।

इसके पश्चात मां पार्वती ने उस बालक को लंगड़ा बना दिया। बालक ने अपनी गलती की माफी मांगी, लेकिन मां पार्वती ने कहा कि श्राप अब वापस नहीं लिया जा सकता। ऐसे में आप एक उपाय के जरिए इस श्राप से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संकष्टी के दिन कुछ कन्याएं पूजन के लिए आती हैं, उनसे व्रत और पूजा की विधि पूछना। बालक ने ठीक ऐसा ही किया और उसकी उपासना से गणपति बप्पा प्रसन्न हो जाते हैं और उसकी जीवन के सभी संकटों को दूर कर देते हैं।

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