विदेशों में बैठे बाबा विश्वनाथ के भक्त अब सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को दान कर कमा सकेंगे पुण्य

  • श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत मिली सुविधा
  • जन कल्याण व भक्तों की सुविधाओं में विस्तार जैसे कार्यो में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास करती है दान की धनराशि का उपयोग
  • योगी सरकार ने काशी का कायाकल्प कर विश्व की प्राचीनतम और जीवंत शहर के कलेवर को किया और समृद्ध
  • वाराणसी की नई तस्वीर को पूरी दुनिया देख रही है, जिससे पर्यटन उद्योग को मिल रही है नई उड़ान

वाराणसी, विदेशों में बैठे बाबा विश्वनाथ के भक्त अब सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को दान करके पुण्य कमा सकते है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को 4 साल साल बाद पुनः ये सुविधा प्राप्त हुई है। मंदिर न्यास को विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट-एफसीआरए) के तहत सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नव्य भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम में लगतार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है जिसमे बाबा के विदेशी भक्तो की संख्या भी बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने काशी का कायाकल्प कर  विश्व की प्राचीनतम और जीवंत शहर के कलेवर को और समृद्ध कर दिया है। वाराणसी की इस नई तस्वीर को पूरी दुनिया ने देख रही है और अब काशी में इसका परिणाम पर्यटन उद्योग की अपार वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है। देशी और विदेशी भक्तो की संख्या वाराणसी में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। 

सीधे मंदिर के खाते में जमा होगा दान

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के एसडीएम शम्भू शरण ने बताया कि विनियमन अधिनियम के तहत विदेशी भक्तों से दान लेने की अनुमति मिली है। विदेशों में बैठे बाबा विश्वनाथ के भक्तगण भी अब आसानी से अपनी श्रद्धानुसार अपना दान सीधे मन्दिर न्यास के खाते में जमा कर सकते है। एसडीएम ने जानकारी दिया कि श्री काशी  विश्वनाथ मंदिर न्यास को चार साल बाद पुनः विदेशी भक्तों द्वारा मंदिर न्यास को दान लेने की अनुमति मिली है। एसडीएम शम्भू शरण ने बताया कि खाता संख्या 43292280765 स्विफ्ट कोड संख्या- SBININBB125 ,आईएफएससी-SBIN0009017,श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ,भारतीय स्टेट बैंक, संसद मार्ग शाखा,नई दिल्ली, में विदेश में बैठा भक्त दान का पैसा भेज  सकता है। उन्होंने जानकारी दिया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा भक्तों के माध्यम से दान स्वरूप दी जाने वाली धनराशि का उपयोग हमेशा से जन कल्याण, भक्तों की सुविधाओं में विस्तार और पुनीत कार्यों के लिए लाया जाता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker