पटना समेत नौ जिले सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित, निपटने के होंगे उपाय
बिहार के नौ जिले सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित जिलों की श्रेणी में आते हैं। इन जिलों में पटना के अलावा गया, नवादा, औरंगाबाद, भागलपुर, कैमूर, जमुई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और रोहतास हैं।
हालांकि, इस वर्ष अब तक इन जिलों के साथ ही राज्य में मलेरिया के मामले काफी कम मिले हैं, लेकिन सतर्कता बरतते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इन जिलों में विशेष जागरूकता अभियान की योजना तैयार की है। स्वास्थ्य मंत्री की स्वीकृति के बाद जिलों में यह अभियान प्रारंभ होगा।
जागरूकता अभियान में क्या होगा?
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, अभियान के दौरान संबंधित नौ जिलों का आकलन किया जाएगा और देखा जाएगा कि अधिक मलेरिया के केस मिलने की वजह क्या है। अभियान के दौरान लोगों को मलेरिया से किस प्रकार बचा जा सकता है, आम दिनचर्या में किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए और साफ-सफाई का क्या महत्व है इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
इसके साथ ही उन्हें मलेरिया के सर्वाधिक खतरनाक स्वरूप प्लासमोडियम फेल्किपेराम (पीएफ) के बारे में भी बताया जाएगा कि इस जानलेवा स्वरूप से लोग कैसे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस वर्ष कम मिले मलेरिया के केस
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते पांच वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष मलेरिया के राज्य में काफी कम मामले आए हैं। इस वर्ष अब तक 185 केस सामने आए हैं। नेशनल सेंटर फार वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं।
रिपोर्ट यह पुष्टि भी करती है कि पीएफ के मामले भी कम हुए हैं। एनसीवीबीडीसी के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में मलेरिया के 518 केस मिले थे। इनमें जोखिम वाले यानी पीएफ मरीज 272 थे। इसके बाद 2021 में 647, 2022 में 578, 2023 में 1257 मलेरिया रोगी प्रदेश में मिले थे।