हरिद्वार में 10 साल में सब्जियों के दाम 4 गुना बढ़े, नए रेट करेंगे हैरान

हरिद्वार में सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले दस सालों की तुलना में सब्जियों के दामों में औसतन दो से चार गुना तक बढ़ोतरी हुई है। सब्जियों के दाम आवक, पैदावार और मांग पर निर्भर करते हैं। साल 2013 की तुलना में साल 2024 में सब्जी मंडी में गोभी के दाम छह गुना तक बढ़ गए हैं।

शिमला मिर्च के दामों में पांच गुना और नींबू के दामों में चार गुना तक इजाफा हुआ है। इसी तरह टमाटर भी चार गुना और आलू दोगुना दामों पर थोक में बिक रहे हैं। प्याज और लौकी के दाम में डेढ़ गुना तक की बढ़ोतरी हुई है।

मंडी के बाहर फुटकर में भी डेढ़ से दोगुना तक दाम बढ़ाकर बेची जा रही हैं। बीते दो माह में सब्जियों की फसल अधिक धूप के कारण खेतों में खराब हो गई। इस कारण सब्जियों की आवक कम है लेकिन सब्जियों की मांग बनी हुई है। मांग ज्यादा और सब्जी की आवक काम होने की वजह से सब्जियों के दाम बढ़े हुए है।

मंडी के भीतर और मंडी के बाहर सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है। हालांकि साल 2013 सितंबर माह में सब्जियों प्याज, टमाटर आदि के दामों में बड़ा इजाफा हुआ था। मांग और आवक के अनुसार सब्जियों के दाम मंडी और फुटकर बाजार में घटते और बढ़ते रहते हैं।

सब्जियां 2013 2024
लौकी 10 15
तौरी 10 10
शिमला मिर्च 20 100
गोभी 10 60
नींबू 20 80
प्याज 24 40
आलू 12 25
टमाटर 10 38
नोट दाम मंडी के भीतर थोक में रुपये प्रति किलो के हिसाब से हैं।

क्या कहते हैं किसान

किसान विजय शास्त्रत्त्ी, वेदपाल पंवार, हरपाल सिंह, मोनिश, मदन फौजी, हरेंद्र सिंह, रामपाल, राजीव, इकबाल, अरशद, संजीव सैनी, कुलदीप सैनी, रोहित पूरी आदि का कहना है कि किसान की फसल के दाम पिछले दस सालों में ना के बराबर बढ़े है। जहां अन्य जरूरी वस्तुओं के दाम पिछले 10 सालों में डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं, वहीं किसानों को सब्जी की फसल के दाम पिछले 10 सालों में काफी कम मिल रहे हैं। सही दाम नहीं मिलने के कारण मंडी के बाहर टमाटर और आलू किसान सड़कों पर फेंकते हैं। लेकिन मंडी के भीतर आढ़ती के पास पहुंचते ही टमाटर के दाम 100 रुपये किलो हो जाते हैं। 10 सालों में सब्जी के किसानों को कुछ नहीं मिला है, सिर्फ बिचौलियों का मुनाफा हुआ है।

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