दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे को लेकर प्रोफेसर विजेंद्र चौहान पर कही यह बात

दिल्ली के आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे को लेकर प्रोफेसर विजेंद्र चौहान ने पहली बार बात की है। प्रोफेसर चौहान यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए ट्रेनिंग और मॉक इंटरव्यू आयोजित करते हैं। उन्होंने दावा किया कि राजधानी दिल्ली में कोचिंग सेंटरों की चमक-दमक के कारण बड़ी संख्या में छात्र असुरक्षित स्थानों पर पढ़ाई करने चले जाते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा कि 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में राउज के आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से डूबकर हुई तीन छात्रों की मौत के लिए दिल्ली में हुई बारिश को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

देशभर से आ रहे छात्र

विजेंद्र चौहान ने शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि यह घटना शिक्षा प्रणाली में एक बड़ी समस्या का संकेत है, न कि केवल बारिश के आसपास का सिविक मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘यह घटना दुखद है, और यह प्रणाली के अंदर एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है… इसे इस दृष्टिकोण से देखना महत्वपूर्ण है कि क्लासिस की आड़ में एक अस्वच्छ और असुरक्षित बेसमेंट एरिया में छात्रों की एक बड़ी भीड़ होती है। इसका कारण यह है कि हाल के सालों में, ‘सपनों की विशेषता’ को बहुत ज्यादा ग्लैमराइजेशन के साथ इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है कि देश भर से कई छात्र इन जगहों पर आ जाते हैं।’

खास प्रोफेशन हुए ग्लैमराइज

प्रोफेसर चहान ने कहा, ‘यह हाल ही में हुई बारिश का नतीजा नहीं है। यह असल में आकांक्षाओं द्वारा बनाए गए बाजार का नतीजा है।’ विजेंद्र चौहान ने आगे कहा कि कोचिंग सेंटरों में भीड़भाड़ का एक कारण देश में कुछ खास प्रोफेशन को लेकर बनाया गया ग्लैमर है। 27 जुलाई को भारी बारिश की वजह से ओल्ड राजिंदर नगर में पानी भर गया, जहां राज का आईएएस कोचिंग सेंटर स्थित था। इसके बेसमेंट में डूबकर तीन छात्रों की मौत हो गई। घटना के बाद ऐक्शन लेते हुए एमसीडी ने 20 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट सील कर दिए, क्योंकि वे भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन कर रहे थे और बेसमेंट का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कर रहे थे, जिससे छात्रों के जीवन को खतरा था।

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