हरियाली तीज की पूजा में जरूर शामिल करें हरे रंग की चीजें, प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती
हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व होता है। इस साल यह त्योहार 7 अगस्त, बुधवार को मनाया जाने वाला है।
इस दिन विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन हरे रंग का खास महत्व होता है, क्योंकि हरा रंग महादेव को प्रिय होता है और सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हरी साड़ी और चूड़ियां पहनी जाती है और सोलह श्रृंगार किया जाता है।
हरियाली तीज की कर लें तैयारी
विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। साथ ही देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का व्रत और पूजा विधि विधान के साथ करना चाहिए, तभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस बार भी महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखेंगी। पूजा से एक दिन पहले ही पूरी सामग्री इकट्ठी कर लें और पूजा की थाली तैयार कर लें। हम आपको पूजा में इस्तेमाल होने वाली कुछ विशेष चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं।
हरियाली तीज पूजा सामग्री
माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति, मिट्टी का कलश, चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा, नारियल, 16 श्रृंगार का सामान, माता पार्वती और भगवान शिव के वस्त्र, गणेश जी की तस्वीर और उनके वस्त्र, पूजा का सामान, फूल, बेलपत्र, धतूरा, धतूरे के फूल केले के पत्ते, शमी के पत्ते, कलावा, अबीर, सफेद चंदन, कुमकुम, आक के फूल, एक जोड़ी जनेऊ, तांबे या पीतल के लोटे में जल, फल, गाय का घी, सरसों का तेल, घी का दिया, कपूर, मिठाई, हरियाली तीज के व्रत कथा पुस्तक।
हरियाली तीज पूजा विधि
- हरियाली तीज के दिन घर को तोरण और फूलों से सजाना चाहिए।
- इसके बाद एक चौकी पर मिट्टी से बने भगवान शिव, माता पार्वती गणेश जी और माता पार्वती की सखियों की मूर्ति बनाएं।
- इसके बाद लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर, उनकी प्रतिमाओं को स्थापित करें।
- फिर एक थाली में सुहाग का सारा सामान रखें और माता पार्वती को अर्पित करें।
- भगवान शिव को भी वस्त्र अर्पित करें और आखिर में दिया जलाकर हरियाली तीज की व्रत कथा पढ़ें।