गंभीर समस्याओं का रूप भी ले सकती हैं वैरिकोज वेन्स, आईये जानें कैसे होती है इसकी शुरुआत?

वैरिकोज वेन्स को वेरिकोसाइटिस भी कहा जाता है। ये समस्याक तब उत्पन्न होती है जब नसें बड़ी, चौड़ी या रक्त से ज्यादा भर जाती हैं। वैरिकोज वेन्स अक्सर सूजी औैर उभरी हुई नसों के रूप में सामने आती हैं और ये नीले या लाल रंग की दिखती हैं जिनमें अक्सरर दर्द महसूस होता है। ये समस्या खासतौर पर महिलाओं में बहुत आम है। दरअसल, वैरिकोज वेन्स सूजी हुई, मुड़ी हुई ब्लड वेसेल्स होती हैं जो आपकी त्वचा की सतह के ठीक नीचे उभर आती हैं। ये नीले या बैंगनी रंग की नसों का उभार आमतौर पर आपके पैरों और टखनों में दिखाई देते हैं। कई बार इनमें दर्द या खुजली भी होती है। समय के साथ ये समस्या बढ़ती जाती है और मकड़जाल का रूप लेने लगती है। इसलिए इसे स्पाइडर वेन्स भी कहा जाता है। कई लोगों के लिए, वैरिकोज वेन्स और स्पाइडर वेन्स सामान्य समस्या होती है, लेकिन कुछ लोगों को इससे दर्द और असुविधा हो सकती है। कभी-कभी यह गंभीर समस्याओं का रूप ले लेती है। आइये जानते हैं वैरिकोज वेन्स के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में-

वैरिकोज वेन्स की शुरुआत कैसे होती है

वैरिकोज वेन्स की शुरुआत में पैरों की नसें सूजी हुई और गहरे रंग की हो जाती हैं। कई बार इनमें हल्का दर्द हो सकता है। इसके बाद पैरों और टखनों में सूजन बढ़ जाती है। ये सूजन ब्लड वेसेल्स में, खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से होती है। इससे पैरों में खून जमा होने लगता है जिससे पैरों में भारीपन और दर्द होने लगता है।

कुछ समय बाद की स्थिति

इसके बाद वैरिकोज वेन्स के आसपास की त्वचा का रंग फीका पड़ने लगता है ये गहरे भूरे रंग की दिखाई देती है और सूजन और दर्द और तेज हो जाता है। पैरों की त्वचा का रंग खराब होने के साथ-साथ इसमें खुजली और जलन होने लगती है। इस स्थिति को लिपोडर्माटोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। ये असल में गंभीर स्थिति है जिसमें इलाज की जरुरत पड़ती है।

वैरिकोज वेन्स के कारण

जब नसें ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं तब वैरिकोज वेन्स की समस्यां उत्पन्न होती है। नसों की एक तरफ की वाॉल्व रक्त प्रवाह को रोक देती है। जब ये वॉल्व काम करना बंद कर देती हैा तो रक्त ह्रदय तक पहुंचने की बजाय नसों में ही इकट्ठा होने लगता है। नसों का आकार बढ़ जाता है। ये समस्या अक्सर टांगों को प्रभावित करती है। प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज, 50 से अधिक उम्र, लंबे समय तक खड़े रहना व मोटापा भी वैरिकोज वेन्स के कारण हो सकते हैं।

वैरिकोज वेन्स से कैसे बचा जा सकता है?

वेरिकोस वेन्स को पूरी तरह से रोकने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन आपके परिसंचरण और मांसपेशियों की टोन में सुधार इसके विकास या अतिरिक्त रोगों के आपके जोखिम को कम कर सकता है। वेरिकोस वेन्स से परेशानी का इलाज करने के लिए आप जो उपाय कर सकते हैं, वे उपाय ही इसे रोकने में मदद कर सकते हैं। व्यायाम करना, अपने वज़न का ध्यान रखना, ज़्यादा फाइबर और कम नमक वाला भोजन खाना, ऊँची हील के जूते और टाइट जुराबें न पहनना, अपने पैरों को ऊपर उठाना, अपने बैठने या खड़े होने की अवस्था को बदलना भी वैरिकोज वेन्स से बचाव के उपायों में शामिल है।

कंप्रेशन स्टॉ किंग

कंप्रेशन स्टॉकिंग आपको केमिस्टि से मिल जाएंगी। ये टांगों पर दबाव बनाकर मांसपेशियों और नसों को ह्रदय तक रक्तर प्रवाह करने में मदद करती हैं। एक शोध में पाया गया है कि घुटने पर कंप्रेशन स्टॉऔकिंग के इस्तेकमा के साथ एक हफ्ते तक 18 से 21 एमएमएचजी तक प्रेशर बनाने से वैरिकोज वेन्स के दर्द और अकड़न में कमी आती है

फ्लेवेनोएड

वैरिकोज वेन्स में फ्लेवेनोएड युक्त आहार भी मदद करता है। फ्लेवेनोएड रक्त प्रवाह को बेहतर करते हैं। ये धमनियों में ब्लंड प्रेशर को कम करते हैं और रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाते हैं जिससे वैरिकोज वेन्स कम हो सकता है। सब्जियों जैसे कि प्याज, पालक और ब्रोकली, खट्टे फल जैसे कि अंगूर, चैरी और ब्लूतबैरी एवं लहसुन में फ्लेनोएड्स होते हैं।

मालिश

प्रभावित हिस्से की मालिश करने से भी राहत मिलती है। तेल या मॉइस्चाराइजर से मालिश कर सकते हैं। इसमें नसों पर ज्यादा दबाव न बनांए क्योंकि इससे नाजुक ऊतक क्षतिग्रस्तच हो सकते हैं।

इन घरेलू उपायों की मदद से आप काफी हद तक वेरिकोज वेंस की समस्याए को ठीक कर सकते हैं।

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