उत्तराखंड: नदियों में उफान से हरिद्वार-ऋषिकेश में अलर्ट, बदरी-केदारनाथ हाईवे बंद

गुरुवार देर रात से पहाड़ों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्‍तर खतरे के निशान के करीब है।

भारी बारिश के अलर्ट के बीच शनिवार को भी देहरादून, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में स्‍कूल बंद किए गए हैं। वहीं चमोली जिले में दो वाहन पहाड़ी से गिरे मलबे में दब गए हैं। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।  

देहरादून और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में शनिवार को तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं कई दौर की तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बदरीनाथ-केदारनाथ हाईवे बंद, सैकड़ों यात्री फंसे

चमोली में रात्रि से हो रही बारिश शनिवार सुबह थम गई। बदरीनाथ हाईवे गुलबकोटी में बंद पड़ा है। मार्ग खोलने का काम जारी है। जोशीमठ-नीति-मलारी हाईवे तमक नाला के पास मलबा आने के कारण यातायात हेतु अवरुद्ध हो गया है।

गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग में अवरुद्ध, बड़ी संख्या में यात्रियों को रोका

रुद्रप्रयाग। सोनप्रयाग से गौरीकुंड की ओर लगभग एक किलोमीटर आगे सटल सेवा पुल के समीप हाईवे अवरुद्ध हो गया है, जिससे केदारनाथ जाने वाले यात्री बड़ी संख्या में रुके हुए हैं। सोनप्रयाग में 1000 से अधिक यात्री रुके हैं, जबकि गौरीकुंड की तरफ भी यात्री सुरक्षित स्थानों पर रोक गए हैं।

गंगोत्री में भागीरथी उफान पर

उत्तरकाशी। गंगोत्री में भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है। गंगोत्री में भागीरथी नदी का उफान घाटों के ऊपर तक पहुंच रहा है। गंगोत्री में आरती स्थल भागीरथ शिला से तक भागीरथी का जलस्तर पहुंच रहा है। ‌तीर्थ पुरोहितों दान पत्र और अन्य सामान हटा दिया है। बता दें कि शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना नदी उफान पर आ गई थी और तबाही ला दी थी।

मसूरी बैंड के समीप दिल्ली यमुनोत्री एनएच बंद

मसूरी चकराता एनएच 707ए कैम्पटी फाल से आगे सैंजी ढांग में तथा जीवन आश्रम के समीप पूरी रात बंद रहा। शनिवार सुबह जेसीबी ने मलबा हटाकर मार्ग खुलवाया। एनएच 507, दिल्ली यमुनोत्री एनएच मसूरी बैंड के समीप अभी भी बंद है, दो जेसीबी मलबा हटाने में लगी हैं। मसूरी देहरादून मुख्य मार्ग खुला है।

रास्ता बंद होने से नवजात की मौत

विकासनगर। रास्‍ता बंद होने के कारण एक नवजात को समय पर उपचार नहीं मिला और उसकी मौत हो गई। सीएचसी साहिया में नवजात ने जन्म लिया। अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ न होने के कारण चिकित्सकों ने किसी बाल रोग को दिखाने के लिए कहा।

बारिश हो रही थी, आपातकालीन सेवा 108 भी नहीं मिल पायी। लिहाजा बच्चे का पिता बच्चा व जच्चा को विकासगर ले जाने के लिए चल दिया। कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड़ पहाड़ी के पास भारी भूस्खलन होने से यातायात बंद था। समय पर उपचार न मिलने की वजह से बच्चे की मौत हो गयी।

जौनसार व पछवादून में 19 मोटर मार्गों पर यातायात ठप

भूस्खलन के कारण मलबा आने से जौनसार बावर व पछवादून के 19 मोटर मार्ग बंद हो गए। जिसमें दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है, जो लखवाड़ बैंड के पास दूसरे दिन फिर से बंद हो गया। बंद मार्गों में एनएन देहरादून खंड का एक, लोनिवि साहिया के सात, पीएमजीएसवाई के सात, लोनिवि चकराता के तीन, लोनिवि प्रांतीय खंड का एक मोटर मार्ग शामिल हैं।

भारी वर्षा को देखते हुए आज 12वीं तक के स्कूलों में अवकाश

मौसम विभाग की ओर से शनिवार को भी देहरादून जनपद में आकाशीय बिजली चमकने और भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने पहली से 12वीं तक के समस्त विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर शनिवार को अवकाश घोषित किया है।

शासकीय, अशासकीय और निजी विद्यालयों को जारी आदेश का पालन करेना होगा। भारी वर्षा के चलते शुक्रवार को भी देहरादून के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया था।

अलकनंदा-मंदाकिनी हुईं विकराल

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से रुद्रप्रयाग जनपद में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां अपने रौद्र रूप में बह रही हैं।

गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे अपडेट

उत्तरकाशी में मुख्यालय, चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में हल्की वर्षा हो रही है। जनपद के अन्य तहसील क्षेत्रों में बादल लगे हैं। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सुचारू बताया जा रहा है।

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुनगर के पास लगातार पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। बीआरओ के द्वारा उक्त स्थान पर जेसीबी मशीन तैनात है। पत्थर रुकने पर मार्ग यातायात हेतु सुचारु किया जाएगा। लम्बगांव मोटर मार्ग आयंरखाल के पास मलबा व पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित होने की सूचना है।

मद्महेश्वर ट्रैक पर फंसे 106 यात्रियों व स्थानीयों को हेली से किया रेस्क्यू

द्वितीय केदार को जाने वाला मद्महेश्वर ट्रैक पर मार्कण्डेय नदी पर बना अस्थाई पुल गत रात्रि तेज बारिश के बाद बह गया, जिससे इस ट्रैक पर 106 से तीर्थयात्री, पर्यटक व स्थानीय लोग फंस गए, जिन्हें प्रशासन ने हेली से सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया। गत वर्ष भी यहां पर स्थाई पुल बह जाने से 200 से अधिक तीर्थयात्री फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन ने सकुशल निकाला था।

इसमें उत्तर प्रदेश के 54 लोग, दिल्ली के 16, चार यात्री आंध्र प्रदेश, एक तेलंगाना, तीन गुजरात के श्रद्धालु हैं। वहीं अन्य स्थानीय एवं उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटन व तीर्थयात्री इसमें शामिल थे। रेस्क्यू अभियान में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, लोनिवि एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया गया।

खतरे के निशान से महज 88 मीटर नीचे रहा गंगा का जल स्तर

शुक्रवार को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर 339.62 मीटर तक पहुंचा, जो कि खतरे के निशान से महज 88 मीटर नीचे रहा। जल स्तर बढ़ने के कारण सुबह से गंगा घाटों पर पुलिस ने मुनादी शुरू की। तटीय क्षेत्रों में दिनभर तैराक पुलिस भी तैनात रही।

शुक्रवार सुबह गंगा का जल स्तर 338.99 मीटर (समुद्र तल से)दर्ज किया जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए दोपहर दो बजे के बाद चेतावनी रेखा को पार कर दिया। दोपहर 3:00 बजे तक 339:50 मीटर तक पहुंच गया, जबकि खतरे के निशान (340.50 मीटर) से महज 88 मीटर कम था। इस दौरान गंगा का जल स्तर आरती पांडाल से ऊपर पहुंच गया।

सुबह से ही जल स्तर बढ़ने की सूचना मिलने पर पुलिस कर्मी व एसडीआरएफ के जवान गंगा घाटों पर तैनात रहे। सुबह से पुलिसकर्मियों ने मुनादी कर लोगों को सतर्क किया।

ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया ने कहा कि सुबह से आपदा प्रबंधन कार्यालय से सूचना मिली थी कि टिहरी डैम व श्रीनगर डैम से पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण दोपहर तक ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर बढ़ने की संभावना है। गंगा घाटों व तटीय आबादी वाले क्षेत्र चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड में लोगों को गंगा नदी के खतरे के बारे में सतर्क किया गया।

गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर को किया पार

पर्वतीय जिलों में हो रही वर्षा से शुक्रवार शाम गंगा उफान पर आ गई। जलस्तर चेतावनी स्तर 293 मीटर को पार गया। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया। कंट्रोल मैसेज मिलने के बाद पुलिस ने कांवड़ यात्रियों को सतर्क किया।

शुक्रवार शाम भीमगोड़ा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर 293 मीटर को पार कर 293.30 मीटर पर पहुंच गया। इस पर पुलिस प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया। बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट किया गया। लोगों से गंगा के तटवर्ती इलाकों में न जाने को आगाह किया गया।

पुलिस कर्मियों की ओर से गंगा में नहा रहे कांवड़ यात्रियों को अलर्ट किया गया।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker