देवशयनी एकादशी आज, योगनिद्रा में चले जाएंगे भगवान विष्णु, घरों और मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना
देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद देवउठनी एकादशी पर जागते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है, जिसमें हिंदू श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक कार्यों में संलग्न रहते हैं और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में इस दिन विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।
श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। यहां पर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और विशेष हवन का आयोजन होगा। वहीं, राधाकृष्ण मंदिर में भी विशेष पूजा और भजन-संध्या का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय भजन मंडलियां भाग लेंगी। श्रीराम मंदिर में भी इस अवसर पर विशेष सत्संग होगा। भक्तगण यहां पर भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों की पूजा करेंगे और प्रसाद ग्रहण करेंगे।
घर-घर में एकादशी की धूम
बिलासपुर के घरों में भी देवशयनी एकादशी का उत्सव मनाया जाएगा। घरों में व्रत रखा जाएगा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाएगा। परिवार के सदस्य मिलकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएंगे और भजन-कीर्तन करेंगे। इस दिन व्रत करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है।
ज्योतिषियों का मत
ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश तिवारी के अनुसार, इस वर्ष की देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। ग्रहों की स्थिति अनुकूल है और इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलेगा। पंडित तिवारी का कहना है कि भगवान विष्णु की आराधना से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। वहीं, ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव शर्मा का कहना है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।