UCC, नकल विरोधी कानून से लेकर धर्मांतरण विरोधी बिल तक, धामी सरकार के तीन साल में 68 फैसलों से धमक

तीन साल पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का सबसे युवा सीएम बनने का रिकॉर्ड बना लिया था। इस रिकॉर्ड के साथ ही दबी जुबान में सवाल भी उठे कि वे पहले कभी मंत्री नहीं रहे, लिहाजा सरकार चलाना उनकी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।

तीन साल के कामकाज से धामी ने न केवल राजनीतिक विरोधियों को लाजवाब कर दिया, बल्कि कई अहम फैसलों से देश भर में धमक बना डाली। कई राज्य उत्तराखंड के फैसलों का अनुकरण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इन्हीं फैसलों की वजह से धामी की तारीफ कर चुके हैं।

धामी की इन फैसलों से बनी विशेष छवि के कारण देश भर में उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया। उत्तराखंड में धामी सरकार का तीन साल का कार्यकाल गुरुवार चार जुलाई को पूरा होने जा रहा है। इन तीन साल के कार्यकाल में सरकार की ओर से ताबड़तोड़ 68 बड़े फैसले लिए गए।

कॉमन सिविल कोड, नकल विरोधी कानून, जबरन धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण जैसे फैसलों से उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली। उत्तराखंड सरकार के तमाम फैसलों को लोकसभा चुनाव 2024 के प्रमुख एजेंडों तक में स्थान मिला।

सरकार का सबसे अहम और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहने वाला फैसला कॉमन सिविल कोड रहा। धामी 2.0 कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी को लेकर फैसला लिया गया। नकल विरोधी कानून बनाकर पारदर्शी भर्ती परीक्षा सिस्टम तैयार किया गया।

उत्तराखंड सरकार के इस नकल विरोधी कानून को गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों तक ने अपनाया। केंद्र सरकार ने भी राष्ट्रीय स्तर पर इस कानून को लागू किया। उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने को सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून राज्य में लागू किया गया। जबरन धर्मांतरण कराने पर दस साल की सजा का कड़ा प्रावधान किया गया।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ाए कदम

सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख का बिना ब्याज का ऋण दिया जा रहा है। लखपति दीदी योजना के तहत 80 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऋण दिया गया। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

55 लाख लोगों के बनाए गए आयुष्मान कार्ड

उत्तराखंड के लोगों को निशुल्क इलाज मुहैया कराने को 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। 9.11 लाख मरीजों का फ्री उपचार किया गया। इस पर 1.72 करोड़ का बजट खर्च किया गया। राज्य में निशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की निशुल्क पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा दी गई।

इन फैसलों को भी लोगों ने खूब सराहा

-इन्वेस्टर समिट से नए उभरते उत्तराखंड की रखी नींव
-होम स्टे योजना से मिला स्वरोजगार
-खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को आई खेल नीति
-सीएम हेल्पलाइन से हल हो रहे काम
-युवाओं को पारदर्शी रोजगार
-भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार
-मानसखंड और हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर पर किया काम
-नई फिल्म नीति का निर्माण
-सोलर प्लांट से युवाओं को मिला स्वरोजगार
-आधारभूत ढांचे को किया मजबूत
-फसलों के दाम में वृद्धि
-नहर से मुफ्त सिंचाई योजना
-पीआरडी जवानों का मानदेय बढ़ाया
-किसानों के लिए बिना ब्याज का ऋण
-देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण
-शहीद सैनिक परिवार को नौकरी
-सीएम अंत्योदय निशुल्क गैस रिफिल योजना
-एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया
-हाउस ऑफ हिमालयाज की शुरुआत

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