ईरान ने लेबनान को निशाना बनाने का ऐलान, भारत-US ने अपने लोगों को किया अलर्ट

गाजा पट्टी के खान यूनिस और राफा शहरों में तबाही के बाद अब इजरायल का ध्यान हिजबुल्लाह पर है। इजरायल ने लेबनान की सीमा पर अपने सैनिकों को तैनात कर दिया। ईरान ने लेबनान को निशाना बनाने का ऐलान कर दिया है। दरअसल लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाके मौजूद हैं और उन्हें ईरान से समर्थन मिला हुआ है। लेबनान के माहौल को देखते हुए भारत और अमेरिका दोनों ने ही अपने नागरिकों को ट्रैवल अडवाइजरी जारी की है। दोनों ही देशों ने लेबनान जाने वाले अपने नागरिकों को सावधान किया है। इसके अलावा रूस ने भी अपने नागरिकों से कहा है कि जब तक लेबनान की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, वे यात्रा ना करें। 

लेबनान में भारतीय दूतावास ने कहा कि वहां रहने वाले भारतीय दूतावास के साथ संपर्क में रहें। दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया,  मौजूदा हालातों को देखते हुए लेबनान में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे बेरुत में दूतावास से संपर्क में रहें। ईमेल अड्रेस- cons.beirut@mea.gov.in या फिर इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर – +961-76860128 पर संपर्क किया जा सकता है। 

इसके अलावा लेबनान में अमेरिकी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को सावधान किया है और कहा है कि संभव हो तो वे लेबनान की यात्रा ना करें। जो लोग लेबनान में हैं वे लेबनान-सीरिया सीमा के करीब ना जाएं। बता दें कि इजरायल और हमास केबीच 7 अक्टूबर 2023 को जंग शुरू हो गई थी। हमास ने इजरायल पर हमला करके 1200 लोगों को मार दिया। इसके बाद से ही इजरायल गाजा पट्टी में ताबड़तोड़ हमले कर रहा था। बीच में लेबनान से भी इजरायल पर मिसाइल अटैक किया गया। वहीं इजरायल का कहना है कि गाजा पट्टी में हमास का लगभग खात्मा हो चुका है और अब हिजबुल्लाह से निपटना है। 

इजराइली प्रधानमंत्री ने हाल ही में टेलीविजन पर दिए एक लंबे साक्षात्कार में कहा कि सेना गाजा के दक्षिण शहर रफह में अपने मौजूदा जमीनी अभियान को पूरा करने के करीब है जिसका यह मतलब नहीं है कि हमास के खिलाफ युद्ध खत्म हो गया है। लेकिन उन्होंने कहा कि गाजा में कम सैनिकों की जरूरत होगी जिससे उन्हें हिजबुल्ला के खिलाफ लड़ने का मौका मिलेगा। ईरान के नज़दीकी माने जाने वाले इराकी शिया मिलिशिया असैब अहल अल-हक़ के नेता क़ैस अल-ख़ज़ाली ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका लेबनान के हिज़्बुल्लाह के ख़िलाफ़ इज़रायली हमले का समर्थन करता है, तो वह इराक और पश्चिमोत्तर क्षेत्र में अमेरिकी हितों पर हमला करेगा।

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