युवक ने खुद का डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर किया यह चौंकाने वाला काम, जानिए पूरा मामला
यूपी के शातिर बदमाश ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए किसी दूसरे की हत्या कर खुद को मुर्दा दिखा दिया। पोस्टमार्टम हाउस में तैनात स्वच्छक से मृतक की जेब में दस्तावेज रखवाकर और पंचायतनामा भरने वालों से शिनाख्त कराकर पोस्टमार्टम के बाद सितारगंज से अपना मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनवा लिया। इसके बाद नाम बदलकर यूपी में रहने लगा।
वर्ष 2015 के इस मामले का खुलासा 2022 में शाहजहांपुर यूपी की पुलिस ने किया था। तब से उत्तराखंड एसटीएफ भी मामले की जांच कर रही थी। अब एसटीएफ की जांच रिपोर्ट पर सितारगंज कोतवाली पुलिस ने भी हत्या व साक्ष्य छिपाने की धाराओं में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सितारगंज कोतवाली के एसएसआई कविंद्र शर्मा ने बताया कि 25 अगस्त 2022 को थाना रोजा जिला शाहजहांपुर यूपी क्षेत्रांतर्गत एक व्यक्ति मुनेश यादव पुत्र भीकम सिंह निवासी आदर्श कॉलोनी शाहजहांपुर को गिरफ्तार किया गया था।
उसके पास से 29 जुलाई 2015 को कोतवाली सितारगंज में मृत मुकेश यादव पुत्र भीकम यादव की मृत्यु से संबंधित पंचायतनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नगरपालिका सितारगंज की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ था।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका असली नाम मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह यादव निवासी हसनगंज थाना मूढ़ापांडे मुरादाबाद है। उसके विरुद्ध यूपी के थानों में लूट, डकैती, गैंगस्टर से संबंधित कई मुकदमे दर्ज थे।
उस पर कई बीमा कंपनियों और सिक्योरिटी कम्पनी का लाखों रुपये का कर्ज था। मुकदमों में सजा और कर्ज वापस करने से बचने के लिए उसने अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा। इस मामले में थाना रोजा में मुकेश यादव सहित नौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
बीमा कंपनियों से ले लिया लाभ
पुलिस जांच में पता चला कि मुकेश की दो शादियां हुई हैं। मृतक की झूठी शिनाख्त कर बीमा का लाभ मुकेश व उसके परिजनों को हुआ। एसटीएफ की जांच के आधार पर एसएसपी ने मुकेश व उसके घटना में शामिल परिजन धर्मपाल, भीकम सिंह, पप्पू, सुधा, संगीता के विरुद्ध हत्या व साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का मुकदमा पंजीकृत करने की संस्तुति की। पुलिस ने धारा 302, 201,120 बी के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।