ULIP को लेकर IRDAI ने जारी किए ये नियम, जानिए…

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने आज बीमा कंपनियों के लिए नए नियम जारी किये हैं। इस नियम के अनुसार अब बीमा कंपनी यूनिक लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) को अब प्रोडक्ट के रूप में शामिल नहीं कर सकते हैं।

इरडा ने इसको लेकर मास्टर सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर में इरडा ने साफ कहा है कि बीमा कंपनी विज्ञापन में यूलिप को निवेश की तरह न दर्शाएं।

इरडा ने जारी किया मास्टर सर्कुलर

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यूलिप विज्ञापन को लेकर सर्कुलर जारी किया। इरडा ने सर्कुलर में बीमा कंपनियों के लिए गाइडलाइंस (IRDAI New Guidelines) जारी की। इरडा ने साफ कहा कि बीमा कंपनी इन नियमों का अवश्य पालन करें।

इरडा के सर्कुलर के अनुसार अब इंश्योरेंस कंपनी यूनिट लिंक्ड या इंडेक्स लिंक्ड प्रोडक्ट को निवेश उत्पादन के तौर पर नहीं दिखा सकती है। अगर कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या है नए नियम (IRDAI New Rule)

  • इरडा ने अपनी गाइडलाइंस में कहा कि बीमा कंपनी अपने विज्ञापन में कई चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। कंपनी कोई भी सर्विस जिसका संबंध बीमा से नहीं है उसका इस्तेमाल विज्ञापन में नहीं कर सकती है।
  • विज्ञापन में इंश्योरेंस कंपनी पुराने इन्टरेस्ट रेट या फिर डिस्काउंट को कंपेयर नहीं कर सकती है।
  • इसके अलावा कंपनी अब इंश्योरेंस के फायदे को हाइलाइट नहीं कर सकती है।
  • इरडा ने कहा है कि कंपनी आंशिक फायदे की जानकारी देते समय उसकी सीमाओं और शर्तों की जानकारी न दें।
  • कंपनी अब अपने प्रोडक्ट के फायदे को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बता सकती है।
  • अपनी  प्रतिस्पर्धी कंपनी के बारे में कोई भी इंश्योरेंस कंपनी अनुचित बातें नहीं कर सकती है।

ULIP को लेकर क्या है नियम

IRDAI ने अपने गाइडलाइंस में कहा है कि इंश्योरेंस कंपनी को अब अपने विज्ञापन में यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट, इंडेक्स लिंक्ड प्रोडक्ट या एन्युटी प्रोडक्ट के  वैरिएबल एन्युटी पे-आउट ऑप्शन के बारे में आसान भाषा में जानकारी देनी होगी।

इसके अलावा कंपनी को इंश्योरेंस में मिलने वाले रिटर्न में होने वाले उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देनी होगी। कंपनी के विज्ञापन में पुराने डेटा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

अगर विज्ञापन में कंपनी इस तरह के डेटा का इस्तेमाल करती है तब उन्हें इस डेटा के लिए अलग फॉन्ट और साइज का इस्तेमाल करना होगा। कंपनी को अपने विज्ञापन में  कॉरेस्पॉन्डेंट इंडेक्स के बारे में भी बताना होगा।

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