पट बंद होते ही खत्म हो जाता है प्रसाद, जानिए पुरी जगन्नाथ मंदिर के रहस्य
ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। यहां कृष्ण को धरती के बैकुंठ स्वरूप में पूजा जाता है। हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा बड़े ही धूम-धाम से निकाली जाती है। इस साल रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 को शुरू होगी और 16 जुलाई 2024 को समाप्त होगी।
पुरी का यह जगन्नाथ मंदिर बहुत प्राचीन माना जाता है। इस मंदिर से जुड़ा इतिहास बहुत अद्भुत है। मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों में आज भी भगवान कृष्ण का हृदय धड़कता है।
जगन्नाथ मंदिर से जुड़े रहस्य
जगन्नाथ मंदिर को वैष्णव परंपरा का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है। इस स्थान पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसे जगन्नाथ धाम के नाम से जाना जाता है। मंदिर से जुड़े कुछ रहस्य ऐसे हैं, जिन्हें आज तक कोई भी नहीं जान पाया है। आइए, पढ़ें उन रहस्यों के बारे में।
कभी कम नहीं पड़ता प्रसाद
इस मंदिर की रसोई भी बहुत अद्भुत है। यहां प्रसाद पकाने के लिए सात बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि प्रसाद सबसे पहले सबसे ऊपर रखे बर्तन में पकता है। फिर नीचे एक-एक करके बर्तनों में रखा प्रसाद पकता रहता है। यह भी कहा जाता है कि यहां प्रतिदिन बनने वाले प्रसाद में कभी भी कमी नहीं आती है। हर दिन यहां लाखों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। लेकिन जैसे ही मंदिर का दरवाजा बंद होता है, प्रसाद भी खत्म हो जाता है।
मंदिर की अदृश्य छाया
जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर एक सुदर्शन चक्र है। कहा जाता है कि आप चाहे किसी भी दिशा में खड़े होकर इसे देखें, चक्र का मुंह आपकी ओर ही दिखेगा। इतना ही नहीं, मंदिर के शीर्ष की छाया हमेशा अदृश्य रहती है। उसे जमीन पर कोई नहीं देख पाता है।
विपरीत दिशा में लहराता है झंडा
जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। दिन में हवा समुद्र से जमीन की ओर और शाम को जमीन से समुद्र की ओर चलती है, लेकिन यहां यह प्रक्रिया उलट होती है।