पुणे पोर्श कांड में अजित पवार पर भी लगे आरोप, डिप्टी सीएम ने तोड़ी चुप्पी, पढ़ें पूरी खबर…

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने पोर्श दुर्घटना मामले में पुणे पुलिस आयुक्त को फोन किया था। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पवार के हवाले से बताया, “मैं अक्सर कई मुद्दों पर पुलिस आयुक्त को फोन करता हूं, लेकिन मैंने इस मामले में उन्हें एक भी फोन नहीं किया।” पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को तड़के एक ‘पोर्श’ कार की टक्कर में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। यह कार कथित रूप से एक किशोर चला रहा था। पुलिस का दावा है कि किशोर नशे में था। कार ने इन पेशेवरों के दोपहिया वाहन में टक्कर मारी थी।

अजित पवार ने शनिवार को कहा कि ‘पोर्श’ कार दुर्घटना से पुणे के विधायक सुनील टिंगरे को जोड़कर उनपर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। टिंगरे पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से जुड़े हैं तथा वह विधानसभा में पुणे के वडगांव शेरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। पहले यह आरोप लगाया गया था कि टिंगरे ने हादसे के बाद यह सुनिश्चित करने के लिए दखल दिया कि पुलिस दुर्घटना के समय कथित तौर पर ‘पोर्श’ कार चला रहे किशोर के साथ अच्छा व्यवहार करे।

इस मामले के सिलसिले में टिंगरे का नाम आने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सुनील टिंगरे उस क्षेत्र के विधायक हैं जहां यह घटना घटी थी। जब भी ऐसी घटनाएं घटती हैं तो स्थानीय विधायक घटनास्थल पर जाते हैं। क्या सुनील टिंगरे ने मामले को दबाने की कोशिश की? उनके खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं।’’

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने इस घटना के बाद पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार को फोन किया था तब पवार ने कहा, ‘‘ मैं तो अक्सर विभिन्न मुद्दों को लेकर पुलिस आयुक्त को कॉल करता हूं लेकिन मैंने इस मामले में उन्हें एक भी कॉल नहीं की।’’ पवार ने कहा कि गृह विभाग के प्रभारी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे के बाद पुणे पुलिस को सघन जांच करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) ने भी सही निर्देश दिये हैं। उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी जिन्होंने शुरू में प्रक्रिया में देरी की। ससून सामान्य अस्पताल के जो लोग इसमें शामिल थे, उन्हें भी पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा।’’

पोर्श प्रकरण में नाबालिग को पांच जून तक के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया है जबकि उसके पिता विशाल अग्रवाल एवं दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के चालक को कथित रूप से अगवा करने एवं उसपर इस हादसे की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने के लिए का दबाव डालने को लेकर गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने नाबालिग के रक्त नमूने को उसकी मां के रक्त नमून से बदल देने को लेकर ससून अस्पताल के दो चिकित्सकों एवं एक अन्य कर्मी को भी गिरफ्तार किया है। रक्त नमूने इसलिए बदल दिये गये थे ताकि यह दिखाया जा सके कि नाबालिग हादसे के समय नशे में नहीं था। किशोर की मां को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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