डीमैट अकाउंट में कितने निवेश पर देनी होती है कितनी फीस, जानिए पूरी डिटेल
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या में लगातार तेजी देखने को मिली है। स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) का होना जरूरी है। बिना डीमैट अकाउंट के आप निवेश नहीं कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोविड-19 के बाद डीमैट अकाउंट की संख्या में लगातार तेजी देखने को मिली है। हाल में आई रिपोर्ट के अनुसार डीमैट अकाउंट की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गया है।
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो क्या आप जानते हैं कि डीमैट अकाउंट में निवेश की लिमिट कितनी है? आप कितनी राशि डीमैट अकाउंट में जमा कर सकते हैं और इस पर सालाना कितना चार्ज देना होता है।
डीमैट अकाउंट क्या है? (What is Demat Account)
डीमैट अकाउंट एक तरह का अकाउंट है। यह बैंक अकाउंट की तरह ही काम करता है। बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर केवल इतना है कि बैंक अकाउंट में राशि जमा होती है वहीं, डीमैट अकाउंट में फाइनेंशियल सिक्योरिटी डिपॉजिट होती है। डीमैट अकाउंट के जरिये आप आसानी से स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड आदि खरीद-बेच सकते हैं।
डीमैट अकाउंट इंडियन डिपॉजिटरीज जैसे सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) द्वारा मैनेज किया जाता है।
यूजर को दो तरह के डीमैट अकाउंट मिलते हैं। पहले बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BSDA) होता है। इसमें सालाना 2 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। वहीं दूसरा फुल सर्विस डीमैट अकाउंट होता है।
BSDA में कितना चार्ज लगता है
सेबी (SEBI) ने वर्ष 2012 में बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट शुरू किया था। इस अकाउंट का उद्देश्य छोटे और रिटेल निवेशकों को शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की तरफ आकर्षित करना है। निवेशक इसके जरिये ईटीएफ (ETF) में भी निवेश कर सकते हैं।
BSDA को मैनेज करने के लिए निवेशकों को सालाना 100 रुपये और जीएसटी शुल्क देना होता है। अगर निवेशक सालाना 2 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश करता है तो ऑटोमेटिक उसका अकाउंट फुल सर्विस डीमैट अकाउंट में चेंज हो जाएगा।
फुल सर्विस डीमैट अकाउंट में निवेश की कोई लिमिट नहीं होती है। इस अकाउंट पर निवेशक को सालाना लगभग 1000 रुपये और जीएसटी देना होता है। इस अकाउंट में निवेशक को सब तरह के निवेश का एक्सेस मिल जाता है।