डोनाल्ड ट्रंप के दोषी पाए जाने के बाद चुनाव पर भी उठ रहे सवाल, इतने साल की हो सकती है सजा

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयार्क की एक अदालत ने हश मनी मामले के अपराध में दोषी पाया है। यह अपराध दस्तावेजों में हेर-फेर करने से जुड़ा था। इस हेर-फेर के जरिए ट्रंप ने 2016 चुनाव में पॉर्न स्टार को पैसे देकर उनके खिलाफ बोलने के लिए चुप कराया था। दो दिन की सुनवाई के बाद 12 सदस्यों की ज्यूरी ने फैसला सुनाया। फैसले में ट्रंप को सभी 34 आपराधिक मामलों में दोषी पाया गया। इसी के साथ  ट्रंप अमेरिकी इतिहास के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें आपराधिक मामलों में दोषी पाया गया है। 

कितने साल की हो सकती है सजा, क्या बच सकते हैं जेल जाने से राष्ट्रपति

11 जुलाई को इस बात का फैसला होगा कि आखिर उनको क्या सजा सुनाई जाती है। व्यवसाय से जुड़े दस्तावेजों के साथ हेराफेरी करने के आरोपी को अधिकतम 4 साल के लिए जेल की सजा हो सकती है। हालांकि जो व्यक्ति दोषी पाया जाता है, उसकी सजा कम हो जाती है या फिर उस पर जुर्माना लगाकर भी काम चल जाता है। साथ ही सजा सुनाए जाने से पहले उन्हें जेल में भी नहीं भेजा जा सकता है। इस प्रकार वो जेल जा भी सकते हैं और नहीं भी जा सकते हैं। 

ट्रंप ने किन कागजों के साथ की थी हेराफेरी

पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल के अनुसार साल 2006 में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ यौन संबंध बनाए थे। उस समय ट्रंप की शादी मेलेनिया के साथ हो चुकी थी। हालांकि ट्रंप इन आरोपों को हमेशा इंकार करते रहे हैं।   साल 2016 के चुनाव में ट्रंप चौतरफा यौन दुर्व्यवहार झेल रहे थे। उसी समय उन्होंने माइकल कोहेन के जरिए डेनियल को सच उजागर न करने के लिए तकरीबन एक करोड़ रुपये चुकाए थे। इसी आरोपों को सिद्ध करने से जुड़े दस्तावेजों के साथ ट्रंप ने हेरा-फेरी की है।

दोषी सिद्ध होने के वाबजूद ट्रंप ने किया इन्कार

इस मामले पर ट्रंप लगातार कुछ भी गलत करने से इंकार कर रहे हैं। वो मानते हैं कि वो निर्दोष हैं और उनके खिलाफ चले मुकदमें में धांधली हुई है। इसी के साथ उनके वकील ने कहा कि हम इसके खिलाफ अगली अपील दाखिल करेंगे। ट्रंप ने जोर देते हुए कहा कि अगली सुनवाई 5 नवंबर को जनता करेगी। 

ओपीनियन पोल में है ट्रंप-बाइडेन की कड़ी टक्कर

ओपीनियन पोल के हिसाब से ट्रंप और बाइडेन में जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी, लेकिन जानकार ये भी अनुमान लगा रहे हैं कि इस मामले में दोष सिद्ध होने के बाद से ट्रंप के राजनीतिक प्रभाव में कुछ कमी आएगी। इसका सीधा फायदा बाइडेन को मिलता दिख रहा है। ट्रंप पर चल रहे चार आपराधिक मुकदमों में इसको कम परिणामी माना जा रहा है। लेकिन इसका प्रभाव चुनाम में होता दिखाई पड़ रहा है। हालांकि इसके साथ ही उन पर चल रहे अन्य केस की सुनवाई चुनाव से पहले नहीं हो पाएगी। इसका कारण उन केसों की जटिलता है।

क्या होगा अमेरिका और ट्रंप का भविष्य

एक देश जिसनें पूरी दुनिया को संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतो से पहचान करवाई। आज उसी देश के राष्ट्रपति पद के दावेदार पर 34 आपराधिक मामलों में दोष सिद्ध हो चुका है। अब देखना होगा कि इस फैसले के बाद अमेरिका की राजनीति पर इसके किस तरह से प्रभाव पड़ते हैं। अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी तरह के कैरेक्टर और क्रिमिनल रिकॉर्ड की पाबंदियां नही हैं। इस कारण दोष सिद्ध होने के बावजूद ट्रंप चुनाव लड़ सकते हैं। चुनाव जीतने पर राष्ट्रपति भी बन सकते हैं।  

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