नैनीताल HC की शिफ्टिंग को लेकर अदालत के आदेश पर ‘सुप्रीम’ रोक, प्रतिवादियों से मांगा जवाबी हलफनामा 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जारी अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में नैनीताल हाई कोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर दिए गए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। नैनीताल हाई कोर्ट ने विगत आठ मई को एक न्यायिक आदेश जारी कर प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट शिफ्टिंग के लिए एक महीने के अदंर भूमि की व्यवस्था करने का आदेश दिया था।

नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की संयुक्त पीठ ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मामले में सात जून तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा था। नैनीताल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन लगातार इस निर्णय का विरोध करती आ रही है। बार एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ में इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। पीठ ने सभी पक्षकारों से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अब इस मामले में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विस्तार से सुनवाई होगी। नैनीताल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट के न्यायिक आदेश का विरोध किया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्थगनादेश की खबर मिलते ही हाई कोर्ट के वकीलों में खुशी की खबर फैल गई।

बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट को शिफ्ट करने के मुद्दे पर जहां एक ओर बार एसोसिएशनों में ठनी है तो दूसरी ओर दो पूर्व मुख्यमंत्री भी आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी की ओर से नैनीताल हाई कोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को एक लेटर लिखा था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोश्यारी को नसीहत देते हुए कहा था कि हाई कोर्ट शिफ्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय को क्षेत्र के हिसाब से उठाकर हमें विवादों से बचना चाहिए।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker