अरेस्ट वारंट पर भड़के बेंजामिन नेतन्याहू, इजरायली पीएम ने ICC को दी चेतावनी
गाजा में नरसंहार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी अदालत अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री समेत इजरायल के शीर्ष अधिकारियों को आरोपी बनाया है। आईसीसी के इस कदम से संभावना बढ़ गई है कि नेतन्याहू और इजरायल के अन्य टॉप अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो सकता है। हालांकि अमेरिका ने इस फैसले में इजरायल का बचाव किया है। लेकिन, इजरायल की मुश्किल यह है कि आईसीसी के इस कदम पर फ्रांस समेत तीन यूरोपीय देशों ने भी सहमति जताई है। हमास और इजरायल के बीच चल रहे निर्णायक युद्ध के बीच आईसीसी के तेज होते ऐक्शन के बीच इजरायली सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इजरायल के विदेश मंत्री यूरोपीय देशों को मनाने के लिए रवाना हो गए हैं। पहले वे फ्रांस की ओर निकले हैं।
इजरायली विदेश मंत्री काट्ज की फ्रांस यात्रा का मकसद आईसीसी में हुई कार्यवाही के निष्कर्षों के असर को कम करना है। सोमवार को आईसीसी में सुनवाई के दौरान अभियोजक ने गाजा में युद्ध के दौरान अपराधों के लिए इजरायल और हमास के प्रमुखों पर आरोप लगाते हुए मांग की कि उन्हें मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में डाल दिया जाए। मुख्य अभियोजक करीम खान ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलांट और हमास के तीन नेताओं – याह्या सिनवार, मोहम्मद दीफ और इस्माइल हनीयेह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया।
नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होगा?
आईसीसी में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ फैसला करेगी कि नेतन्याहू और अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए या नहीं। ऐसे निर्णय लेने में न्यायाधीशों को दो महीने तक लग सकते हैं। उधर, इजरायल की मुश्किल इसलिए भी बढ़ी हुई है क्योंकि फ्रांस के साथ ही बेल्जियम और स्लोवेनिया ने आईसीसी के अभियोजक करीम खान के कदम का समर्थन किया। इन देशों का समर्थन इजरायल के प्रति पश्चिम के दृष्टिकोण में विभाजन को उजागर करता है।
फ्रांस को मनाने निकले काट्ज
इस बीच इजराइली विदेश मंत्री काट्ज मंगलवार को फ्रांस के लिए रवाना हो गए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि फ्रांसीसी समकक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक से दिशा तय कर सकती हैं कि अगर वारंट जारी होता है तो फ्रांस का रुख कैसा होगा और क्या यह इजरायल के नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है?
आईसीसी के फैसले पर क्या बोले नेतन्याहू
अभियोजक करीम खान ने पिछले साल सात अक्टूबर को किए गए हमास के हमले का भी जिक्र किया। इस दिन चरमपंथियों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर करीब 1,200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसके जवाब में इजरायल ने गाजा में सैन्य हमला किया जिसमें करीब 35,000 फिलस्तीनीयों को मौत के घाट उतार दिया। उधर नेतन्याहू ने आईसीसी के फैसले की निंदा करते हुए इसे ‘‘वास्तविकता से कोसों दूर’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ”मैं हेग अभियोजक द्वारा लोकतांत्रिक इजरायल और हमास के सामूहिक हत्यारों के बीच की गई तुलना को कड़े शब्दों के साथ अस्वीकार करता हूं।”