पुणे कार हादसे से बिखर गए पीड़ितों के परिवार, पढ़ें पूरी खबर….
पुणे सड़क हादसे में मारे गए दोनों लोगों के परिवारवाले इस घटना से पूरी तरह टूट गए हैं। सभी इस बात से हैरान हैं कि कोर्ट ने आऱोपी लड़के को इतनी आसानी से कैसे बरी कर दिया। उन्होंने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। दरअसल ऐक्सिडेंट जिस पोर्श कार से हुआ, उसे 17 साल का नाबालिग चला रहा था। रविवार सुबह उसने कल्याणी नगर में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि आरोपी उस समय नशे में था। इस हादसे में जान गंवाने वाले दोनों मध्य प्रदेश के रहने वला थे। अश्विनी कोस्टा जबलपुर की रहने वाली थी जबकि अनिस अवधिया उमरिया में रहता था।
अश्विनी के पिता ने कहा, वह हमारे घर की सबसे प्यारी बच्ची थी। वह पिछले दो साल से पुणे में थी। अपना 25वां जन्मदिन मनाने के लिए वह जनवरी में जबलपुर आई थी। मुझे नहीं पता था कि यह उससे हमारी आखिरी मुलाकात थी। उसने हमें बताया था कि वो अपने दोस्त से मिलने जा रही है। बाद में हमें इस हादसे के बारे में पता चला। मैं इस बात से हैरान और बेहद परेशान हूं कि आरोपी लड़के को अदालत ने इतनी आसानी से रिहा कर दिया।
वह नशे में था और कार चला रहा था तो उसके साथ नाबालिग जैसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है। उसके साथ एक वयस्क की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए क्योंकि उसने दो मासूम बच्चों की हत्या की है।
वहीं अनिस के परिवार का भी रो रोकर बुरा हाल है। उन्होंने अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग की है। उन्होंने कहा, कोई भी चीज हमारे बेटे को वापस नहीं कर सकती। हमें सिर्फ इंसाफ चाहिए। आरोपी लड़के औऱ पिता को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
आरोपी का पिता हिरासत में
पुलिस ने आरोपी के पिता को हिरासत में ले लिया है। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, ‘‘हमने छत्रपति संभाजीनगर से किशोर के पिता को हिरासत में लिया है और उन्हें पुणे लाया जा रहा है और उनके खिलाफ दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।’’ पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। नाबालिग को शराब सर्व के लिए बार के मालि और कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग का पिता रियल एस्टेट कारोबारी है। एक अधिकारी ने पहले बताया था कि इन मामलों की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है।
घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर के अनुसार, किशोर के पिता ने यह जानते हुए भी कि उसके बेटे के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसे कार दे दी जिससे उसकी जान खतरे में डाली और उसे पार्टी करने की भी अनुमति दे दी जबकि वह जानता था कि उसका बेटा शराब पीता है।