माँ का प्यार- एक शानदार रत्न है, जिसे संजोकर रखा जाना चाहिए,ऊषा जैन

चित्रकूट, परमहंस संत रणछोड़दास जी महाराज की कृपा से संचालित सदगुरू शिक्षा समिति के तत्वधान में माँ की महिमा को याद करने के लिए सद्गुरु सभागार, विद्याधाम, चित्रकूट में मातृ दिवस मनाया गया।
एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम मैं और मेरी माँ
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए आयोजित किया गया था।
यह एसपीएस और विधाधम का संयुक्त उत्सव था। छात्रों ने अपनी माताओं के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, खेल खेले और एक टीम के रूप में नृत्य भी किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के “निदेशक एवं ट्रस्टी *माननीय डॉ. बी.के. जैन ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम को मनाने का वास्तविक उद्देश्य, हमारे जीवन मे माँ के त्याग को समझना तथा उन्हें हमेशा अपने हृदय में संजोना है।
अध्यक्ष सद्गुरु शिक्षा समिति
विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती उषा जैन ने दोनों विद्यालयो को उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि हमारे जीवन में माताओं का योगदान शब्दों से परे है, उसे मापा नहीं जा सकता मां का प्यार एक शानदार रत्न है जिसे संजोकर रखा जाना चाहिए।


इस अवसर पर ट्रस्टी डॉ. इलेश जैन ने अपनी माँ (श्रीमती उषा जैन) को एक प्यार भरा, मार्मिक संदेश भेजा जो सभी के लिए एक सुखद आश्चर्य था। इसे कार्यक्रम के वाह क्षण के रूप में लिया गया, जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में सद्गुरु पब्लिक स्कूल के प्राचार्य राकेश तिवारी विधाधाम उ मा विद्यालय के प्राचार्य शंकर दयाल पांडे, शिक्षा समिति के सचिव आर बी सिंह चौहान, सभी शिक्षकगण, अभिभावक, छात्र एवं सदगुरु परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल निर्देशन एवं संचालन सह प्राचार्या अंजली भटनागर ने किया।
कुल मिलाकर यह सभी छात्रों व उनकी माता ओ के लिए खुशी का एक यादगार पल था।

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