सड़क किनारे बस में गुजारनी पड़ी यात्रियों को रात, यमुनोत्री समेत चारों धामों में भीड़ से आफत
केदारनाथ-बदरीनाथ चारधाम में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ से आफत हो गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की वजह से शनिवार रात से ही सभी व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई थी। यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इजाफा होने से यात्रियो को जगह जगह रास्तों में ही रोक दिया गया। कई जगह यात्रियों को रात बस में ही गुजारनी पड़ी।
रविवार को डामटा, दोबाटा, बड़कोट, गंगानी, खरादी, उपली खरादी, कुथनौर और पालीगाड़ आदि स्थानों पर यात्री वाहनों को रोक लिया। देहरादून में विकासनगर में भी वाहनों को रोका गया। जिससे बाहर से यात्री परेशान नजर आए।
यमुनोत्री में श्रद्धालुओं को हुजूम उमड़ने से शनिवार रात से प्रशासन के हाथपांव फूल गए। सरकार ने यमुनोत्री के लिए प्रतिदिन यात्री सीमा नौ हजार तय की है। लेकिन यात्री दोगुने से भी ज्यादा पहुंच गए।
यात्रियों की आमद लगातार बढ़ने से वाहनों को रास्ते में ही रुकवाना शुरू कर दिया गया। इसके कारण डामटा, दोबाटा, बड़कोट, गंगानी, खरादी, उपली खरादी, कुथनौर और पालीगाड़ आदि स्थानों जाम की स्थिति पैदा हो गई। आज दोपहर दो बजे तक जगह जगह जाम की स्थिति बनीं रही।
यमुनोत्री धाम में शुक्रवार, शनिवार के मुकाबले रविवार को स्थिति काफी नियंत्रित है। डीएम, एसएसपी उत्तरकाशी बेहतर तरीके से व्यवस्था बना रहे हैं। हेड काउंट कैमरों के जरिए जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री धाम के बीच श्रद्धालुओं की मौजूद संख्या का आंकलन करते हुए दर्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है।
जाम के कारण वापस लौटने को मजबूर हुए यात्री
बड़कोट। कर्नाटक के मैसूर से आए माधव अपने 70 लोगों के दल के साथ यमुनोत्री दर्शन के लिए आए हैं। जाम के कारण शनिवार को उन्हें रास्ते में ही रुकना पड़ गया। वो बताते हैं, जिस होटल में बुकिंग थी, वहां जाम के कारण पहुंच ही नहीं पाए।
दुखी मन से माधव ने बताया कि रविवार को बड़कोट दोबाटा में 10 बजे से रोक रखा है। वह यहां से गाड़ियां छोड़ने की इंतजारी कर रहे हैं। गुजरात के बड़ोदरा से आए नीरज व्यास, देशम पटेल ने बताया कि उनका 87 सदस्यों का दल 3 बसों से यहां पहुंचा है। रविवार को उन्होंने यमुनोत्री की यात्रा करनी थी लेकिन अब वे यात्रा स्थगित करके वापिस लौट रहे है।
जानकीचट्टी में डंडी और घोड़े-खच्चर भी रोके
यमुनोत्री के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी से यमुनोत्री के 5 किलोमीटर पैदल मार्ग पर यात्रियों के भारी दबाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने रविवार को सुबह जानकीचट्टी में घोड़े-खच्चरों तथा डंडी वालों को भी कुछ समय के लिए रोक दिया गया। पैदल यात्रियों को जाने दिया जा रहा था। बाद में घोड़े खच्चरों तथा डंडी वालों को रोक-रोककर जाने दिया गया।