उत्तराखंड में जंगलों में आग से कम नहीं हुई आफत, 24 घंटे में 47 बार धधके जंगल
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सोमवार को भी जंगल आग से धधकते रहे। इससे वन संपदा को नुकसान पहुंचने के साथ ही जनजीवन और यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों में धुंध छा गई है।
वन विभाग के अनुसार, 24 घंटे के भीतर राज्य में 47 जगह जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गईं। बागेश्वर में जंगल में आग लगाने के आरोप में एक युवक को जेल भेजा गया है जबकि दो नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
अल्मोड़ा में सोमवार को करबला से सटे जंगल में आग बुझाते वक्त फॉयर वॉचर गिरकर घायल हो गया। वहीं दोपहर के वक्त टनकपुर-सूखीढांग के बीच आग से जला पेड़ एनएच पर गिर गया। इससे ऑलवेदर रोड डेढ़ घंटे बंद रही।
कटर मशीन से कुछ हिस्सा काटकर बुलडोजर की मदद से पेड़ को हटाया गया। पौड़ी जिले के बीरोंखाल के दीवा रेंज से सटे खितोटिया, चौंड़ी, बवासा मल्ला के जंगलों में दो दिनों से भीषण आग लगी हुई है। उधर, सिविल सोयम स्यूंसी रेंज के भरोली, डुमैला मल्ला के जंगल भी आग से धधक रहे हैं।
जंगलों की आग धीरे-धीरे आबादी की ओर बढ़ रही है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। लोहाघाट-घाट एनएच में मरोड़ाखान और भारतोली से नीचे दो जगहों पर ऑलवेदर रोड की सुरक्षा को लगाए जाल का मैट भी जल गया। आग लगने से पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी है। इससे एनएच में चल रहे वाहनों को खतरा होने लगा है।