उत्तराखंड में जंगल की आग से अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट भी जला, बुझाने को हेलीकॉप्टर की मदद

उत्तराखंड में तापमान बढ़ने के साथ ही जंगल जल रहे हैं। चिंता की बात है कि जंगलों की आग से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। जंगलों की आग से धुंआ भी फैल रहा है, जिससे लोगों की काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जंगलों की आग बुझाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर ने काम शुरू कर दिया है।

उधर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आग बुझाने को जुटे हुए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी वन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर प्रभावी ढंग से जंगलों की आग पर नियंत्रण करने को सख्त निर्देश दिए हैं। जंगलों में लगी आग से जुड़े पांच बड़े अपडेट्स:

1 वनाग्नि की चपेट में आया सल्ट का देवायल सामुदायिक अस्पताल भवन, ऑक्सीजन प्लांट जला 

अल्मोड़ा जिले के देवालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वनाग्नि की चपेट में आ गया। देखते ही देखते आग ने अस्पताल के एक भवन को अपनी चपेट में ले लिया। वनाग्नि से अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट और रिकार्ड रूम जलकर राख हो गया। जानकारी के मुताबिक घटना शुक्रवार शाम की है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास का जंगल आग से धधक उठा।

देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। कुछ ही देर में आग ने रिकार्ड रूम की खिड़की को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

जब तक आग पर काबू पाया जाता अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट और रिकार्ड रूम जलकर खाक हो गया। चिकित्सा प्रभारी डॉ अक्षय देवायल ने बताया कि अस्पताला की दूसरी बिल्डिंग में एक मरीज भर्ती था। दूसरी बिल्डिंग तक आग पहुंचने से पहले काबू पा लिया गया। रिकार्ड रूम के सारे दस्तावेज जल गए हैं। वहीं ऑक्सीजन प्लांट को नुकसान पहुंचा है।

2 नैनीताल में जंगल की आग पर नियंत्रण को हॉलीकप्टर जुटे

नैनीताल मुख्यालय से सटे करीब दर्जनभर स्थानों पर जंगलों में लगातार आग धधक रही है। जंगल की आग आबादी क्षेत्र तक पहुंचने से हड़कंप का माहौल है। आग पर काबू पाने के लिए वायु सेना के हॉलीकप्टर बुलाए गए हैं। भीमताल झील से पानी भर जंगलों में बौंछार की जा रही है। बता दें कि इन दिनों पहाड़ में लगातार वनाग्नि से जंगल जल रहे हैं।

आग पर नियंत्रण को लेकर वन विभाग की तैयारियां भी सफल साबित नहीं हो पा रही हैं। शुक्रवार से शनिवार तक लगातार जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। इस दौरान लड़ियाकाटा एयर फोर्स, सातताल, सेनेटारिया गेठिया, फरसोली, मल्ला तिरछाखेत भावली, पटवाड़ागर ज्योलिकोट, भवाली रोड़ पाइंस तथा हल्द्वानी मार्ग गेठिया व ज्योलिकोट मार्ग के जंगलों में आग है।

वन विभाग के कर्मचारी तथा सेना के जवानों के साथ ही अब वायु सेवा से भी आग पर नियंत्रण को लेकर मदद ली जा रही है। शुक्रवार शाम को ही सेना के हेलीकॉप्टर नैनीताल झील, भीमताल झील तथा सातताल झील में रेकी को जुट गए थे। लेकिन अंधेरा होने के कारण अभियान नहीं चलाया जा सका।

इधर शनिवार तड़के हेलीकॉप्टर से पानी भर जंगलों की आग पर नियंत्रण का अभियान शुरू कर दिया गया है। नगर पालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी राहुल आनंद ने बताया कि जंगलों की आग पर नियंत्रण को लेकर सेना से हेलीकॉप्टर तथा टैंकरों की मदद ली गई है। जल्द ही आग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।

2021 में भी ली थी हेलीकॉप्टरों की मदद

2021 में भी नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी थी। हेलीकॉप्टरों की मदद से भीमताल झील से बड़ी बाल्टियों में पानी भरकर जल रहे इलाकों पर फेंका गया। इसके बाद कई इलाकों में आग पर काबू पाया जा सका था। इस बार भी वनाग्नि को काबू करने में वन विभाग नाकाम रहा है।

3 जंगल की आग की रोकथाम को अलर्ट मोड पर रहें: धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय चारधाम यात्रा प्रबंधन के साथ ही वनाग्नि को रोकना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। इसमें स्थानीय लोगों की मदद ली जाए।

4 कॉर्बेट का जंगल भी जला

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को भी वनाग्नि अपनी चपेट लेती जा रही है। कॉर्बेट पार्क में पिछले 24 घंटे में 7.67 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। जबकि पूरे कुमाऊं में पिछले 24 घंटे में हुई वनाग्नि की 26 घटनाओं में 25.47 हेक्टेयर जंगल का नुकसान पहुंचा है। जिसमें तराई पूर्वी वन प्रभाग में सर्वाधिक 10.93 हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की चपेट में आ चुका है।

जबकि गढ़वाल क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की कोई भी घटना सामने नहीं आई है। रिकॉर्ड के मुताबिक फायर सीजन में प्रदेश में अब तक वनाग्नि की 575 घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 689.89 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। नैनीताल जिले में जंगलों की आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर बुला लिया गया है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्ता की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं में 24 घंटों में वनाग्नि की 26 घटनाएं हुई हैं। आरक्षित वन क्षेत्र में वनाग्नि की 24 व वन पंचायतों में 2 घटनाएं हुई हैं।

5 स्कूल और गांव तक पहुंची जंगल की आग

नैनीताल। जंगल की आग शुक्रवार को नैनीताल-भवाली हाईवे तक पहुंच गई। सूचना मिलते ही तुरंत अग्निशमन की टीम मौके पर रवाना हुई और आग पर काबू पाया। पाइंस, भुमियाधार सहित कई अन्य इलाकों में भी पूरे दिन जंगलों में भीषण आग लगी रही। आग पर देर शाम तक काबू नहीं पाया जा सका था

बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट और कुजोली के जंगल में शुक्रवार को आग लग गई। कुजोली गांव के पूर्व सरपंच कमल जोशी ने बताया कि आग राजकीय इंटर कॉलेज धनियाकोट और कुजोली गांव तक पहुंच गई।

6 अल्मोड़ा हाईवे के जंगल रातभर धधकते रहे

भवाली। क्षेत्र के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही है। रामगढ़ के कुलेटि, निगलाट, घोड़ाखाल क्षेत्र के जंगल देर रात धधक उठे। कुछ ही देर में आग विकाराल हो गई और तेजी से आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ने लगी।

ग्रामीणों ने आग को आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ने से रोका। ग्रामीणों ने वन विभाग को जंगल में आग लगने की सूचना दी। जंगल में आग से अल्मोड़ा भवाली नेशनल हाईवे पर पत्थर गिरते रहे। भवाली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि वनाग्नि पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

7 तराई केंद्रीय वन क्षेत्र में 8 हेक्टेयर जंगल राख

कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में हुई 3 घटनाओं में 0.2 हेक्टेयर, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आरक्षित वन क्षेत्र में हुई 2 घटनाओं में 7.67 हेक्टेयर, तराई केंद्रीय वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में हुई 8 घटनाओं में 8 हेक्टेयर जंगल में जल गया। कुमाऊं में इस फायर सीजन में अगर देखा जाए तो वनाग्नि की 313 घटनाओं में 395.92 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। 231 हेक्टेयर जंगल आरक्षित वन क्षेत्र व 82 हेक्टेयर जंगल सिविल वन पंचायतों में जला है।

8 जंगल में आग लगाने के तीन आरोपी गिरफ्तार

रुद्रप्रयाग। जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ अब वन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने तीन लोगों को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा। विभागीय कर्मचारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया। मुख्यालय के लगे जंगल भी आग की भेंट चढ़ गए हैं। जखोली, बच्छणस्यूं, भरदार, धनपुर, तल्लानागपुर आदि क्षेत्र में आग लगी है।

शुक्रवार को प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल ने तहसील जखोली के तड़ियाल गांव निवासी नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते पकड़ा। आरोपी ने टीम को बताया कि बकरियों के लिए नई घास उगाने के लिए उसने जंगल में आग लगाई। उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमंत सिंह और भगवती लाल को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया।

 9 रिहायशी इलाकों तक पहुंची वनों की आग


अल्मोड़ा में जंगलों में धधक रही आग अब जिला मुख्यालय के रिहायशी इलाकों तक पहुंचने लगी है। नगर के धारानौला से सटे जंगल में धधकी आग आबादी वाले इलाकों तक पहुंच गई। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची फायर सर्विस की टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया।

इन दिनों जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना किसी न किसी जंगल में आग लगने की सूचना मिल रही है। शुक्रवार को अल्मोड़ा नगर के धारानौला क्षेत्र से सटे जंगल में अचानक आग धधक उठी। विकराल हो चुकी आग रिहायशी इलाकों की ओर से बढ़ने लगी। इससे स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया।

आनन फानन में लोगों ने फायर सर्विस को सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर सर्विस की टीम जंगल में धधकी आग पर काबू पाने में जुट गई। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। यहां एलएफम किशन सिंह, हरि सिंह अधिकारी, कल्पना बिष्ट, सरोज डसीला आदि रहे। इधर, फायर सीजन शुरू होने से अब तक लाखों की वन संपदा स्वाहा हो गई है।

10 बागेश्वर से धरमघर रेंज के जंगल धधके

बागेश्वर। जिले के जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। बागेश्वर से लेकर धमरघर क्षेत्र के जंगल जल रहे हैं। वन विभाग तथा फायर सर्विस की टीम आग बुझाने में जुटी है। जंगलों को आग लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

शुक्रवार को पौड़ी बैंड के निकट जंगल में आग लग गई। आवासीय घरों की तरफ आग फैलने का भय बनने लगा। जिससे पौड़ीधार, रैखोली आदि गांवों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर फायर सर्विस की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। सात रतबे, दाड़िमठोक के जंगल में भी धुएं के गुबार उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जंगल जलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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