उत्तराखंड: 10 डीएम और 12 पुलिस कप्तानों की भी अग्निपरीक्षा, लोकसभा चुनाव में पहली बार बने रिटर्निंग अफसर

उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 13 जिलों में तैनात 10 जिलाधिकारी और 12 कप्तान भी अग्निपरीक्षा दे रहे हैं। जी हां। आपको जानकार हैरत होगी कि वर्तमान में तैनात अधिकांश डीएम और एसएसपी पहली दफा ही लोकसभा चुनाव में अपने-अपने जिले से बतौर रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) एवं अन्य अति महत्वपूर्ण दायित्वों को निभा रहे हैं।

जबकि, सिर्फ तीन डीएम और एक एसएसपी को ही दूसरी दफा लोकसभा चुनाव कराने का मौका मिला है। चुनाव आयोग ने 16 मार्च को सात चरणों में चुनाव का ऐलान करते हुए देशभर में आचार संहिता लागू कर दी थी।

जिसके बाद उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में जहां 55 प्रत्याशी नामांकन कराने के बाद पहाड़ से मैदान तक अपनी जीत के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। वहीं, प्रदेश के सभी 13 जिलों के डीएम और कप्तान ने भी दिन-रात एक कर रखा है।

ये अफसर पास कर चुके चुनाव की परीक्षा

हरिद्वार-डीएम : धीराज सिंह गर्ब्याल, प्रमोटेड आईएएस (वर्ष 2019 में पौड़ी के डीएम रहते हुए लोकसभा चुनाव)
पौड़ी गढ़वाल-डीएम : डॉ. आशीष चौहान, आईएएस-2012 बैच (वर्ष 2019 में उत्तरकाशी के डीएम रहते हुए लोकसभा चुनाव)
पौड़ी गढ़वाल-एसपी, लोकेश्वर सिंह, आईपीएस, 2014 बैच (वर्ष 2019 में बागेश्वर के एसपी रहते हुए लोकसभा चुनाव)
देहरादून : डीएम- सोनिका, आईएएस- बैच 2010 (वर्ष 2019 में टिहरी गढ़वाल की डीएम रहते हुए लोकसभा चुनाव कराया)

पहली बार करवा रहे हैं चुनाव


नैनीताल : डीएम: वंदना सिंह (आईएएस- 2012 बैच) (रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा की डीएम रह चुकी हैं।),एसएसपी- प्राद नारायण मीणा,आईपीएस-2012 बैच
यूएसनगर : डीएम-उदयराज सिंह, प्रमोटेड आईएएस-2010 बैच, एसएसपी-डॉ. मंजूनाथ टीसी,आईपीएस-2014 बैच
पिथौरागढ़ : डीएम- रीना जोशी, आईएएस- 2012 बैच, एसपी- रेखा यादव, आईपीएस-2019 बैच
चम्पावत:डीएम- नवनीत पांडेय, प्रमोटेड आईएएस-2015 बैच, एसपी- अजय गणपति कुंभार, आईपीएस- 2018 बैच
अल्मोड़ा : डीएम- विनीत तोमर, आईएएस-2014 बैच, एसपी- देवेंद्र पींचा, आईपीएस-2016 बैच
बागेश्वर: डीएम- अनुराधा पाल, आईएएस-2015 बैच, एसपी- अक्षय प्रह्लाद कोंडे, आईपीएस-2018 बैच

निष्पक्ष, पारदर्शी चुनाव कराना प्राथमिकता

राज्य की पांच सीटों में अल्मोड़ा, रुद्रपुर, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी के डीएम को रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) बनाया है, जबकि बाकी सभी जिलों के डीएम बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) काम कर रहे हैं। जिलों के एसपी/ एसएसपी चुनाव आयोग के निर्देशन में डीईओ के संग डटे हुए हैं।
भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार इन अफसरों का मुख्य कार्य न सिर्फ निष्पक्ष, निर्भीक और पारदर्शी वोटिंग करवाना है।

चुनाव : एक नजर में

मतदाता 84 लाख 31 हजार 101
मतदान 19 अप्रैल, शुक्रवार
कुल सीटें 05
कुल प्रत्याशी 55
चुनाव परिणाम 4 जून

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