छत्तीसगढ़: कांकेर मुठभेड़ से इस नेटवर्क को लगा बड़ा झटका, पढ़ें पूरी खबर…
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान से माओवादियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने PTI को बताया कि अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है और पुलिस सही दिशा में आगे बढ़ रही है। दरअसल, उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी गैरकानूनी संगठन के अवैध धन संग्रह और आपूर्ति नेटवर्क को संभालती है।
अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़
पिछले तीन दशकों से नक्सली समस्या का सामना कर रहे राज्य में अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों ने मंगलवार को कांकेर में कुछ वरिष्ठ कैडरों सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस ने बुधवार को बताया कि मौके से एके-47, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले हुई।
मारे गए नक्सलियों पर था 8 लाख रुपये का इनाम
पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के डिविजनल कमेटी सदस्य शंकर राव और ललिता शामिल हैं, जिनके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि मुठभेड़ कांकेर, नारायणपुर (छत्तीसगढ़ में) और गढ़चिरौली (महाराष्ट्र से सटे) के चौराहे पर हुई, जिसे माओवादियों की उत्तर बस्तर डिवीजन समिति के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है।
उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी को भारी झटका
सुंदरराज पी ने कहा, माओवादियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी में 70-80 कैडर हैं, जिनकी चार एरिया कमेटी हैं – रावघाट, परतापुर, कुवे और किसोडो। माओवादियों की विभिन्न डिवीजन कमेटियां अलग-अलग काम संभालती हैं। अधिकारी ने कहा, उत्तर बस्तर डिवीजन समिति अवैध ‘लेवी वसूली’ (ठेकेदारों और अन्य लोगों से जबरन वसूली) और रसद आपूर्ति नेटवर्क को संभालती है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को हुई मुठभेड़ ने उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी को भारी झटका दिया है। हालांकि, इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और हम सही दिशा में जा रहे हैं।
मारे गए नक्सलियों में 15 महिलाएं
मारे गए नक्सलियों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि अब तक शंकर राव और ललिता की पहचान हो चुकी है और मारे गए नक्सलियों में 15 महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मारे गए ज्यादातर नक्सली परतापुर एरिया कमेटी के थे।
26 अप्रैल को लेकर क्या है व्यवस्था?
बता दें कि 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है और उससे पहले बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है। इस पर आईजी ने कहा कि पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान, नक्सलियों ने हिंसक गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उचित सुरक्षा व्यवस्था ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। आम चुनाव के इस समय में भी, हमने उपलब्ध संसाधनों के साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है और हमें उम्मीद है कि बस्तर और कांकेर में (26 अप्रैल को होने वाले) चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होंगे।